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- श्योपुर में बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण एवं शमन के संबंध में बैठक आयोजित
- श्योपुर जिलें में 603.6 मि.मी. औसत वर्षा
- श्योपुर में 35 गौशालायें बनेंगीं , पूरे चंबल संभाग में 138 और गौशालायें स्वीकृत
- फसलों को पाले से बचाने हेतु उपाय अपनाने की सलाह - पी के गुजरे
- पॉजिटिव 02 मरीजों के घर क्षेत्र में कॉटेन्टमेंट एरिया घोषित
- श्योपुर जिले में ड्राईरन कोविड-19 वैक्सीनेशन का हुआ शुभारंभ कलेक्टर ने ड्राई रन कोविड-19 वैक्सीनेशन का किया निरीक्षण
श्योपुर में बर्ड फ्लू रोग नियंत्रण एवं शमन के संबंध में बैठक आयोजित Posted: 08 Jan 2021 04:33 PM PST कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्वत के निर्देशन में एडीएम/एसडीएम श्री रूपेश उपाध्याय ने बर्ड जिले में बर्ड फ्लू की तैयारियों एवं आकस्मिकता की स्थिति से निपटने के लिए आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में पशुपालन विभाग, वन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय, सीईओ जनपद, ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उपसंचाकल पशु पालन विभाग डॉ आरएस सिकरवार, सीएमाओ नगरपालिका श्योपुर सुश्री मिनी अग्रवाल, बडौदा श्री ताराचंद धूलिया, पशुपालन विभाग के व्हीएएस डॉ महेश सिंह, पोल्ट्रीफार्म के संचालक सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।बैठक में एडीएम/एसडीएम श्री रूपेश उपाध्याय ने कहा कि जिले में बर्ड फ्लू को दृष्टिगत रखते हुए सभी आवश्यक सावधानियॉ एवं उपाय किए जाएं। पोल्ट्री फॉर्मों की साफ-सफाई एवं चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से जांच कराई जाए। जिले में संचालित पशुपालन के चिकित्सालय एवं डिस्पेन्सरियों में चिकित्सक नियमित रूप से ड्यूटी पर उपस्थित रहे। लोगों को बर्ड फ्लू के प्रति जागरूक करें। साथ ही प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। उन्होने कहा कि शहरी क्षेत्रों में नगरपालिका एवं ग्रामीण क्षेत्रो में जनपद पंचायतो एवं वन विभाग के माध्यम से अगर किसी को मृत पक्षियों की जानकारी आदि मिले तो स्थापित किये गये कन्ट्रोलरूम को अवगत करावे। साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर सर्विलेन्स टीम का गठन किया जावे। साथ ही पोल्ट्री फार्म संचालक किसी भी प्रकार के अड्डे एवं बर्डस बाहर से जिले में ना मंगवाये। इससे बर्ड फ्लू फैलने का खतरा फैल सकता है। सभी पोल्ट्री फार्म संचालक शासन की गाईडलाइन का पालन करें। बैठक में उपसंचालक पशु चिकित्सा डॉ आरएस सिकरवार ने बताया कि बर्ड फ्लू जोरेटिक बीमारी है। इस बीमारी से पक्षियों से मनुष्यो में फैलने का खतरा बना रहता है। इससे सभी जिलेवासियों को सावधान और सतर्क रहना चाहिए। पशुओं में कही भी मृत कौए मिले तो कन्ट्रोलरूम को अवगत करावे। बर्ड फ्लू की निगरानी के लिए चिकित्सको की टीमे गठित की जा चुकी है। बर्ड फ्लू के मुर्गे, मुर्गियो में मुख्यतः लक्षण-उनके नाक, आख से पानी आना, गर्दन तेडी हो जाना और डायरिया जैसी बीमारी होने पर उन्हे बर्ड फ्लू के यह लक्षण होने पर पशुपालन विभाग को अवश्य सूचित करें। बैठक में वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि वन विभाग के मैदानी अमले को इस कार्य के लिए ड्यूटी लगा दी गई है। साथ ही वन विभाग द्वारा वाटर बार्डीज पर अपनी सतत् निगरानी रखी जा रही है। बर्ड फ्लू रोग उद्भेद एवं नियंत्रण हेतु जिला स्तरीय कन्ट्रोलरूम स्थापित बर्ड फ्लू रोड रोग उद्भेद एवं नियंत्रण हेतु सतत् निगरानी एवं सूचना के आदान-प्रदान हेतु पॉलीक्लीनिक श्योपुर को कन्ट्रोलरूम बनाया गया है। पॉलीक्लीनिक के सभी अधिकारी/कर्मचारी 24 घंटे अपना मोबाइल ऑन रखे। जिससे कोई भी सूचना प्राप्त होने पर तुरंत कार्यवाही की जा सकें।उपसंचाकल पशु पालन विभाग डॉ आरएस सिकरवार ने बताया कि इस कन्ट्रोलरूम पर व्हीएएस डॉ सचिन उपाध्याय मो.न. 9993508879, व्हीएएस डॉ महेश सिंह मो.न. 9753676727, एव्हीएफओ कु. पूजा पिप्पल मो.न. 9770386150 एवं भृत्य श्री ओम बाथम मो.न. 83190226543 की ड्यूटी लगाई गई है। निराश्रित पशुओं के बधियाकरण पर हुई चर्चा एडीएम/एसडीएम श्री रूपेश उपाध्याय ने बैठक में शहरी क्षेत्र में निराश्रित गौवंश को सडको एवं भीडभाड वाले इलाके से बचाने के लिए एवं नागरिको की कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए पशुओ के बधियाकरण पर चर्चा करते हुए कहा कि नगरपालिका एवं पशुपालन विभाग द्वारा निराश्रित गौवंश (सांड) का बधियाकरण किया जावे। जिससे सडको एवं सामुदायिक जगहों पर नागरिको को हानि नही पहुंचे। साथ ही बधियाकरण के समय निराश्रित गौवंश की टेगिंग का कार्य भी पशुपालन विभाग द्वारा किया जावे। |
श्योपुर जिलें में 603.6 मि.मी. औसत वर्षा Posted: 08 Jan 2021 04:30 PM PST श्योपुर जिले में माह जनवरी के अंतर्गत अभी तक 2.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि इसी अवधि में विगत वर्ष 976 मि.मी. औसत वर्षा हुई थी। अधीक्षक भू-अभिलेख श्री नाथूराम सखवार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के वर्षामापी केन्द्र श्योपुर में 750.2 मि.मी., बडौदा में 634.9 मि.मी. कराहल में 547 मि.मी. विजयपुर में 535.8 मि.मी. वीरपुर में 550 मि.मी. कुल वर्षा 3017.9 मि.मी. हुई है। जिसकां औसत 603.6 मि.मी. है। जिले की औसत वार्षिक वर्षा 822 मि.मी. निर्धारित है। |
श्योपुर में 35 गौशालायें बनेंगीं , पूरे चंबल संभाग में 138 और गौशालायें स्वीकृत Posted: 08 Jan 2021 04:29 PM PST प्रदेश के गौवंश को संरक्षण देने के लिये चालू माली साल के दौरान चंबल संभाग के मुरैना, भिण्ड और श्योपुर जिले में 290 गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा दिया गया है, इसमें से 138 गौशालाओं के निर्माण कार्य की स्वीकृति दी गई है। चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना ने पशुपालन विभाग के हवाले से बताया है कि सर्वाधिक 130 गौशालाओं का निर्माण लक्ष्य भिण्ड जिले को दिया गया है। मुरैना को 120 गौशालाओं का और श्योपुर जिले में 40 गौशालाओं का निर्माण लक्ष्य दिया है। इन सभी 290 गौशालाओं में से 138 गौशाला निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इनमें से मुरैना जिले में लक्ष्य 120 में से 69, भिण्ड जिले में 130 में से 34 और श्योपुर जिले में प्राप्त लक्ष्य 40 में से 35 गौशालाओं का निर्माण की स्वीकृति दी गई है।पशुपालन विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक श्री अशोक सिंह तोमर ने बताया कि संभाग में 51 गौशालायें संचालित है, जिनमेें मुरैना में 20, भिण्ड में 17 और श्योपुर जिले में 14 गौशालायें है। इन 51 संचालित गौशालाओं में 90 बोरवेल काम कर रहे है। 38 गौशालाओं में विद्युत व्यवस्था की गई है। संभाग में पंजीकृत 67 गौशालायें है, इनमें मुरैना में 20, भिण्ड में 31 और श्योपुर जिले में 16 गौशालायें है। इन 67 पंजीकृत गौशालाओं में 90 चेफकटर, 90 ऑव्हरहेड टेक, 57 सवमर्सिबल पम्प, 82 चारागाह विकास स्थल बनाये गये है। निर्माणाधीन गौशालाओं में 21 गौशालाओं में छत स्तर, 72 में प्लिन्थ स्तर, 39 में दीवार स्तर का कार्य किया जा चुका है। संचालित गौशालाओं में 3 हजार 255 गौवंश संरक्षित किये गये है। |
फसलों को पाले से बचाने हेतु उपाय अपनाने की सलाह - पी के गुजरे Posted: 08 Jan 2021 04:27 PM PST उप संचालक ''आत्मा'' श्री पी गुजरे ने बताया है कि सर्दी के मौसम में उगाई जाने वाली अधिकांश फसलें पाले से प्रभावित हो सकती है उक्त के दृष्टिगत सब्जी और फल पाले के लिये अधिक संवेदनशील होते है और पाला पड़ने से फसलों को अधिकांश या पूर्ण रूप से हानि हो सकती है, तापमान में अत्याधिक कमी होने के कारण पाला पडने की आशंका आमतौर पर इस समय होती है। उप संचालक ने किसानों को बताया कि जब रात के समय वायुमंडल का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे चला जाता है, और अचानक हवा बंद हो जाती है तो भूमि के धरातल के आसपास घास फूस एवं पौधो की पत्तियों पर बर्फ की पतली परत जम जाती है, इस पतली परत को पाला कहते है।उन्होंने कहा कि रबी फसलों पर जिस दिन विशेषकर तापमान कम हो शाम को हवा चलना बंद हो जाये ओर रात्रि में आसमान साफ एवं आद्रता प्रतिशत कम हो उस रात पाला पडनें की संभावना अधिक होती है। पाला पडने की संभावना होने पर रात 12 से 2 बजे के आसपास खेत की उत्तर-पश्चिम दिश से आने वाली ठंडी हवा की दिशा में खेत के किनारे पर बोई गई फसलों के आसपास मेढो पर घासफूस एकत्र कर धूऑ करके फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। इसी प्रकार हल्की सिंचाई करने से भी फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। जिस दिन पाला पडने की संभावना हो उस दिन जलविलेय सल्फर 80 की 500 ग्राम मात्रा प्रति एकड की दर से छिडकाव किया जा सकता है। अथवा 10 से 15 प्रतिषत गौमूत्र का घोल फसलो पर छिडकाव करने से भी फसलों को पाले से बचाया जा सकता है। |
पॉजिटिव 02 मरीजों के घर क्षेत्र में कॉटेन्टमेंट एरिया घोषित Posted: 08 Jan 2021 04:25 PM PST कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्वत ने मप्र पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 71 (1) एवं 71 (2) में निहित शक्तियो का प्रयोग करते हुए श्योपुर के 02 मरीजों के घर क्षेत्र में कॉटेन्टमेंट एरिया घोषित कर दिये है। एडीएम/एसडीएम श्री रूपेश उपाध्याय द्वारा जारी आदेश के अनुसार काटेन्टमेंट एरिया के अंतर्गत श्योपुर के मरीज श्रीमती सुनीता पत्नी श्री हरीश पानवाला निवासी वार्ड 07 बिजली घर के पीछे के घर क्षेत्र में ऐपीसेंटर के पूर्व में निर्माणाधीन मकान एवं पश्चिम में कराहल वालो के मकान से मारवाडी वालो के मकान तक एवं मरीज श्री मेहरअली पुत्र श्री हमीर शाह निवासी वार्ड 08 ब्लॉक कॉलोनी श्योपुर के घर क्षेत्र में ऐपीसेंटर के दक्षिण में पंडित जी मकान से मारसाहब के मकान तक एवं उत्तर में देशराज के मकान से मेहरअली के मकान तक कॉटेन्टमेंट एरिया घोषित किया गया है।इन 02 मरीजो के घर क्षेत्र के लिए इंसीडेन्ट कमाण्डर प्रभारी तहसीलदार श्योपुर श्री राघवेन्द्र कुशवाह मो.न. 9981778322 एवं राजस्व अधिकारी के रूप में राजस्व निरीक्षक वृत श्योपुर श्री टीएस लकडा मो.न. 9993624436 एवं पुलिस अधिकारी नगर निरीक्षक पुलिस कोतवाली श्योपुर श्री रामेश डाण्डे मो.न. 6260912609 तथा सीएमओ नगर पालिका श्योपुर सुश्री मिनी अग्रवाल मो.न. 9893972950 को जिम्मेदारी दी गई है। |
Posted: 08 Jan 2021 04:23 PM PST भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए कोविड वैक्सीनेशन की मंजूरी मिलने के बाद जिला चिकित्सालय श्योपुर एवं कराहल में बनाए गए। कोविड वैक्सीन बूथ पर ड्राई रन में स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को वैक्सीन लगाने के कार्य का कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव की उपस्थिति में श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल में एलएचव्ही श्रीमती कुंती जाटव ने फीता काटकर वैक्सीनेशन शुभारंभ किया। साथ ही कलेक्टर द्वारा ड्राईरन कोविड-19 वैक्सीनेशन का सेंटर कराहल का निरीक्षण किया। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्री राजेश शुक्ल, एसडीएम कराहल श्री रविश श्रीवास्तव, तहसीलदार कराहल श्री शिवराज मीणा, बीएमओ डॉ. प्रजापति सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी सहित अन्य चिकित्सीय स्टॉफ एवं नागरिक उपस्थित थे।कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने वैक्सीनेशन के निरीक्षण के दौरान बताया कि कोरोना महामारी से बचने के लिए इस ड्राईरन कोविड-19 वैक्सीनेशन को लगाया जा रहा है। यह टीका सुरक्षित और प्रभावी है टीकाकरण से कोई खतरा नही है। बूथ पर तीन कक्ष बनाए गए है। पहले कक्ष में पंजीयन वाले हितग्राही को प्रतीक्षालय कक्ष में ठहराया जाता है। उसकी जांच उपरांत दूसरा टीकाकरण कक्ष में टीका लगया जाता है। फिर तीसरा निगरानी कक्ष में 30 मिनिट तक रोका जाता है। यह टीका चरणबद्ध तरीके से सभी क को लगेगा टीकाकरण हेतु हितग्राही का पहले पंजीयन किया जावेगा। साथ ही वैक्सीनेशन के पश्चात् क्या-क्या सावधानियां रखी जानी है। उन सभी का प्रोटोकॉल बनाये और उन्हे प्रोटोकॉल के अनुसार परामर्श दिया जावे। वैक्सीनेशन के निरीक्षण के दौरान बीएमओ डॉ. प्रजापति ने बताया कि कराहल विकासखण्ड में 30 का पंजीयन कर टीकाकरण किया जा रहा है। इसी प्रकार श्योपुर मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय में ड्राईरन कोविड-19 वैक्सीनेशन का कार्य सर्वप्रथम चिकित्सक, स्टॉफ नर्स पैरामेडीकल स्टॉफ सहित 22 हितग्राहियों को लगाया गया। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. बीएल यादव, डीआईओ डॉ. प्रेमराज मीणा, डीपीएम, मीडिया अधिकारी, यूनीसेफ प्रतिनिधि, आदि अन्य उपस्थित थे। सीएमचओ डॉ. बीएल यादव ने बताया कि पहले यह टीका स्वास्थ्य कार्यकर्ता, इसके बाद मैदानी कार्यकर्ताओं को दिया जावेगा। ताकि कोरोना मरीजों की देखभाल एवं जांच करने से पहले सम्पर्क में आते है। इसलिए सेवा प्रदाता सुरक्षित रहेगा। इसके पश्चात् लाभार्थीयों को सुरक्षित किया जा सकता है। टीका लगाने के बाद लाभार्थी को 30 मिनिट तक निगरानी कक्ष में रोका जाता है। ताकि यदि टीका से होने वाले प्रतिकूल प्रभाव का उपचार किया जा सके। ड्राई रन के दौरान लगने वाले हितग्राही को 30 मिनिट तक रोका गया तथा कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने नही आया है। |
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