ग्वालियर टाइम्स ( प्रधान संपादक कार्यालय)

शनिवार, 31 अक्तूबर 2020

बिन पानी सब सून पर कार्यशाला 07 नवंबर को

 कलेक्टर श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव ने तेजी से गिर रहे भूगर्भ जल स्तर की भीषण समस्या को दृष्टिगत रखते हुए तथा जल संरक्षण एवं रूफ वाटर हार्वेस्टिंग प्रोत्साहित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा 07 नवंबर 2020 को एक कार्यशाला ‘‘बिन पानी सब सून‘‘ के नाम से किया जा रहा है।

    प्रभारी अपर कलेक्टर श्री रूपेश उपाध्याय ने बताया कि कार्यशाला में देश में सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् जल संरक्षण सलाहकार, स्वच्छता शिक्षा, ग्रामीण जागरूकता एवं सामाजिक विकास के क्षेत्र में सतत् सक्रिय विभावरी संस्था के संयोजक डॉ सुनील चतुर्वेदी इंदौर द्वारा जल ही महत्वता तथा जल संरक्षण की सस्ती/आसान तकनीक की जानकारी दी जावेगी।
    इसी प्रकार डॉ चतुर्वेदी देश के विभिन्न भागो में जल संरक्षण का कार्य कर रहे है। उनके द्वारा मध्यप्रदेश एवं बिहार में वेस्ट प्रबंधन के क्षेत्र में किये गये कार्य के लिये यूनिसेफ द्वारा सम्मानित किया गया है। उनके द्वारा सन् 1958 में विकसित की गई लॉ-कास्ट रूफ वाटर हार्वेस्ंिटग तकनीकी देश के विभिन्न भागों में सराही गई। नगर निगम देवास में सन् 2002-2004 के बीच 1500 घरो में इस तकनीक का उपयोग किये जाने पर देवास में 1 से 1.5 मीटर जल स्तर का बढना पाया गया।
    यूनिसेफ द्वारा देश के विभिन्न भागो में जल प्रबंधन की योजनाओं में आपके द्वारा सक्रिय भागीदारी की जा रही है। आपकी संस्था विभावरी द्वारा ग्राम विकास एवं जन-जागरूकता में अनेक कार्य किये जा रहे है, आप मानव विकास एवं शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय है। आपके द्वारा पानी दे गुणधानी दें, रूको बूंद-बूंद की मनोवार आदि पुस्तके भी प्रकाशित की गई है। उनकी महामाया पुस्तक साधू एवं महात्माओ द्वारा धार्मिक भावना से प्रेरित होकर जलल संरक्षण में किये गये कार्य के लिये वर्ष 2014 में बागेस्वरी सम्मान से सम्मानित किया गया है। उनकी पुस्तक काली चाट पर बनी फीचर फिल्म 18 राष्ट्रीय एवं अर्तराष्ट्रिय पुरूस्कार प्राप्त हुये है। उनके काव्य संग्रह गाफिल को रविन्द्र कालिया स्मृति पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है। श्योपुर जिले में जल संरक्षण को लेकर यह एक महत्वपूर्ण कार्यशाला है। जल प्रबंधन एवं जल संरक्षण कार्य में रूचि रखने वाले सभी महानुभाव इस कार्यशाला में आमंत्रित है।

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