ग्वालियर टाइम्स ( प्रधान संपादक कार्यालय)

गुरुवार, 5 नवंबर 2020

ग्राम डूंडीखेडा की सुनीता आदिवासी आजीविका एक्सप्रेस से प्रगति की ओर अग्रसर

 

जिला प्रशासन द्वारा शासन की योजनाओ का लाभ आदिवासी समुदाय के व्यक्तियों को देने की दिशा में निरंतर पहल की जा रही है। जिसके अंतर्गत मप्रडे आजीविका ग्रामीण मिशन के माध्यम से जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के ग्राम डूंडीखेडा की श्रीमती सुनीता पत्नी श्री बंशी आदिवासी आजीविका एक्सप्रेस (मैजिक वाहन) संचालन का ऋण लेकर प्रगति की ओर अग्रसर हो रही है। 
   जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत गड़ला के ग्राम डूंडीखेड़ा की निवासी श्रीमती सुनीता पत्नी श्री बंशी आदिवासी उम्र 28 वर्ष 8वीं परीक्षा उत्तीर्ण होकर अपने तीन बच्चों का गुजर बसर करने में असहाय हो रही थी। साथ ही घर परिवार के काम में लगी रहकर बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित थी। उसने अप्रेल 2016 में ग्राम डूंडीखेडा में सीआरपी ड्राइव की महिलाओ के साथ समूह में काम करना शुरू किया। साथ ही समूह की महिलाओं के साथ घर’-घर जाकर संपर्क करने में उनका हाथ बटाने लगी। श्रीमती सुनीता माता स्वसहायता समूह से जुड़ गई।  
   कराहल विकासखण्ड के ग्राम डूंडीखेडा निवासी श्रीमती सुनीता आदिवासी ने अपने पति श्री बंशी आदिवासी से समूह में जुड़ने की बात कही। तब पति ने भी अपनी रजमंदी दी। समूह में काम करते-करते उसने अपने परिवार की आय बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए। साथ ही समूह के माध्यम से कडकनाथ मुर्गापालन के लिये काम शुरू किया। एक दिन ग्राम संगठन में सक्रिय होकर संगठन की बैठक में मुख्यमंत्री सौलर पंप स्किम के बारे में उसे जानकारी मिली। श्रीमती सुनीता आदिवासी को यह योजना काफी अच्छी लगी। साथ ही उसने योजना का लाभ लेने का निश्चय किया।
    ग्राम में संचालित स्लेक परियोजना के माध्यम से 5000 रू की राशि वर्ष 2017 में प्रदाय की गयी। महिला आदिवासी श्रीमती सुनीता ने अपने खेत में सौलर पंप ट्यूबवेल लगवा लिया। सौलर पंप लगने के पूर्व वह अपने खेत में एक वर्ष के अंतराल में एक ही फसल ले पाती थी। जिसके कारण आमदनी कम होती थी। अब उसके खेत में सौलर पंप के माध्यम से पानी उपलब्ध हो गया और सितम्बर 2017 में ग्राम संगठन के माध्यम से ग्रामीण आजीविका एक्सप्रेस (मैजिक वाहन) के लिये ऋण लेने का निश्चय किया। साथ ही ड्राइविंग करना सीखकर स्वयं टैक्सी का संचालन करने में सक्षम बन गई है। इस टैक्सी के संचालन में चालक रखने में होने वाले व्यय की भी बचत हो रही है और आमदनी में दिनो-दिन इजाफा हो रहा है।  
   जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल की ग्राम पंचायत गढ़ला के ग्राम डूंडीखेड़ा निवासी श्रीमती सुनीता आदिवासी ने बताया कि टैक्सी संचालन से आय में इजाफा हो रहा है। पूर्व में प्रतिमाह आय 3000 थी। अब बढ़कर 22000 प्रतिमाह हो गई है। इस आय में से प्रतिमाह 10000 रूपये के ऋण की राशि प्रतिमाह ग्राम संगठन कोष में जमा करा रही हूं। शेष राशि 12000 रूपये का उपयोग परिवार का घर खर्चा चलाने में खर्च कर रही हूं। जिससे मेंरी समाज में पहचना स्थापित हो रही है। मैजिक संचालन का व्यवसाय आर्थिक प्रगति में भी सहायक बन रहा है

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