ग्वालियर टाइम्स ( प्रधान संपादक कार्यालय)

शुक्रवार, 6 मई 2022

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार


दतिया में निकली मां पीतांबरा की रथयात्रा

Posted: 04 May 2022 04:27 PM PDT

 

 


धर्म मय हुई दतिया ,  पुरी की तर्ज पर निकली माई  की रथ यात्रा  में उमड़े भक्त

ग्वालियर टाइम्स 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे  सिंधिया,गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने रथ खींच कर किया  रथयात्रा  का सुभारम्भ

सर्व शत्रु स्तंभन कारी , सर्व विरोध नाशनी, मुकदमा अदालत और चुनाव , रण हो या जीवन सब जगह विरोध नाश कर , शत्रुओं का स्तंभन करने वाली, उनका मुख बंद करने वाली, उनकी बुद्धि का नाश कर उसे कुबुद्धि में बदलने वाली, उनकी विपरीत बुद्धि कर उनसे हर काम उलटा करवाने वाली, और उन्हें पतन के पथ पर धकेल कर उनका सर्वनाश कर देने वाली , राजाओं की देवी , राज राजेश्वरी भगवती मां पीतांबरा भगवती बगलामुखी , जिनका सर्वांग पीला है , जो भगवान शिव के बगलामुख नामक अवतार की शक्ति हैं , जिनके स्वरूप में कन्याओं के विवाह के समय उन्हें कन्यादान करते हुये कन्या का पिता , कन्या के हाथों में हल्दी लगाकर , वर को उसे अपनी बेटी , भगवती बगलामुखी के रूप में सौंपता है कि यह तुम्हारे जीवन में बगुलामुखी के रूप में तुम्हारे शत्रुओं और तुम्हारे विरोध तथा विरोधीयों की नाशनी बने , तुम्हें सदैव लक्ष्मी प्रदान करने में सहायक बने ( लक्ष्मीं प्रददामि त्वम इह आगच्छ आगच्छ ) वही मां पीतांबरा बगुलामुखी जो दस महाविद्याओं में से एक सिद्ध विद्या के नाम से विख्यात हैं , भारत का हर प्रधानमंत्री , हर क्षत्रिय राजपूत , हर राज्यपाल , हर राष्ट्रपति जिनके चरणों में शीष झुकाने और वंदन करने आया , जो भी शत्रुओं और विरोधियों, मुकदमों से परेशान और दुखी होकर आया , वह यहां से गया तो महज एक महीने बाद ही मां का करिश्मा देख कर दंग रह गया और फिर अपने आप ही दोबारा आया , हर बार और बार बार आया । 

मुख्यमंत्री ने कहा,नरोत्तम मिश्रा जी ने जनता के साथ  रच दिया  इतिहास

दतिया ।पुरी में निकलने वाली जगनन्नाथ जी की यात्रा व उज्जैन में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारी की तरह अब दतिया में भी हर साल पीतांबरा माई की रथ यात्रा दुनिया देखेगी।माई  के प्रक्टोसव पर माई पहली बार शक्तिपीठ से निकल कर रथ    पर सवार होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने निकली।

 इस अवसर पर पूरी दतिया धर्म नगरी में बदल गयी। माँ पीताम्बरा के प्रक्टोसव  पर निकली रथ यात्रा में भक्त उमड़ पड़े। जहा  तक नज़र जा रही थी पीले वस्त्र पहने लोग नज़र आ रहे थे। माई के जयकारे से नगर गुंजायमान हो रहा था।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ,गृह मंत्री व इस पूरे धार्मिक अनुष्ठान के संयोजक डॉ नरोत्तम मिश्रा ने रथ को खींच कर माई की  यात्रा का शुभारंभ किया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित थी।



माँ पीताम्बरा  शक्ति पीठ से  माई की रथ यात्रा शाम 5 बजे शुरू हुई। 87 साल में पहली बार माँ पीताम्बरा ने मंदिर से बाहर  भक्तों के बीच पहुच कर आशीर्वाद दिया। 4 माई के प्रकाट्य दिवस पर आयोजित इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए पूरा दतिया उमड़ पड़ा।बड़ी संख्या में  बाहर से  आए माई के भक्त भी इस  ऐतिहासिक यात्रा में शामिल हुए। मंत्रोचार के साथ  जैसे ही माई रथ पर सवार हुई पूरा क्षेत्र  माईं के जयकारों से गूंज उठा।

माई की इस रथ यात्रा का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने   पूजा अर्चना करने के  बाद राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ,गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के साथ  रथ खींच कर किया। 

रथ यात्रा शुभारम्भ से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपस्थित भक्तों को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दतिया ने  डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जनता के साथ इतिहास रच दिया है।जहाँ देखो भक्त ही भक्त दिख रहे है।पूरी दतिया माई के रंग में रंगी नज़र आ  आ रही है। मुझे तो यहां हर मा ओर बिटिया में माई के दर्शन हो रहे है।उन्होंने कहा कि इतना विशाल धार्मिक अनुष्ठान माई की कृपा के बिना संभव नही हो सकता लेकिन डॉ नरोत्तम मिश्रा व उनकी टीम भी बधाई की पात्र है।मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ नरोत्तम मिश्रा ने माई की रथ का पहिया ओर विकास का पहिया जो चलाया है वह कभी नही रुकेगा। इस अवसर पर उन्होंने सरकारी नियंत्रण के मंदिरों के  पुजारियों को 5 हज़ार रुपए मानदेय ,संस्कृत के विद्यार्थियों को भी छात्र वृत्ति देने की घोषणा की। उन्होंने  भगवान परशुराम की जीवनी भी पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाने की भी घोषणा की।


इस अवसर पर गृह मंत्री और इस पूरे धार्मिक अनुष्ठान के संयोजक डॉ नरोत्तम मिश्रा  भावुक नज़र आये। उन्होंने कहा कि में रहु या न रहु माई की यह यात्रा हर साल इसी तरह धूमधाम से निकलेगी।

 गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि माँ पीताम्बरा माई के प्राकट्य उत्सव पर रथ-यात्रा निकालने की नई परम्परा का शुभारंभ कर मुख्यमंत्री श्री चौहान इतिहास रचने जा रहे हैं। पुरी की भगवान जगन्नाथ यात्रा, उज्जैन की बाबा महाकाल की सवारी की तरह ही दतिया में माई की रथ-यात्रा निरंतर निकलती रहेगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान इतिहास पुरुष हैं। उन्होंने अपने कार्यकाल में अनेक ऐसे कार्य किये हैं, जिनसे इतिहास रचा गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रयासों से ही दतिया शिक्षा के क्षेत्र में नया हब बनता जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दतिया को मेडिकल कॉलेज, लॉ कॉलेज, फिशरीज कॉलेज, वेटरनरी कॉलेज और पुलिस ट्रेनिंग स्कूल की सौगातें दी हैं।

                        

*भारत के नक्शे पर उभरकर आयेगा दतिया : श्रीमती वसुंधरा राजे*

माँ पीताम्बरा ट्रस्ट की अध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि माँ पीताम्बरा की कृपा और गुरूजी के आशीर्वाद से दतिया भारत के नक्शे पर उभरकर आयेगा। आने वाले वर्षों में माई की रथ-यात्रा में शामिल होने के लिये देश-दुनिया के लोग दतिया आयेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दतिया के विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। पिछले वर्षों में अकल्पनीय विकास के कार्य हुए हैं, जो जारी हैं। उन्होंने दतिया के स्वच्छ और सुंदर शहर होने पर भी प्रशंसा की।

गुरुवार, 30 सितंबर 2021

सर्वोच्च प्राथमिकता पर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें-कलेक्टर

 

राजस्व अधिकारियों की बैठक में दिये दिशा-निर्देश

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप राजस्व प्रकरणों का निराकरण सर्वोच्च प्राथमिकता पर किया जावे। जिससे राजस्व प्रकरण निराकृत होने से पेडेन्सी से निजात मिलेगी। साथ ही निराकृत किये जाने वाले प्रकरणों का इन्द्राज आरसीएमएस पोर्टल पर किया जावे। वे आज कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में राजस्व अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। 
   बैठक में अपर कलेक्टर श्री टीएन सिंह, एसडीएम श्योपुर श्री लोकेश सरल, कराहल श्री विजेन्द्र सिंह यादव, विजयपुर श्री नीरज शर्मा, तहसीलदार  श्योपुर श्री संजय जैन, बडौदा श्रीमती अमिता सिंह तोमर, कराहल श्रीमती मनीषा कौल, वीरपुर श्री राजेन्द्र पवार, विजयपुर श्री आरएस वर्मा, कलेक्टर कार्यालय के ओएस श्री दीलीप बंसल, नायब तहसीलदार, आरआई और कलेक्टर कार्यालय की संबंधित शाखाओं के कर्मचारी उपस्थित थे।  
   कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने बैठक में कहा कि राजस्व अधिकारी आरसीएमएस पोर्टल में मैरिट के अनुसार केसों का डिस्पोजल करना सुनिश्चित करें। साथ ही राजस्व न्यायालयों की प्रक्रिया व्यपरिवर्तन, भू राजस्व का निर्धारण तथा पुर्ननिर्धारण नियम 2018 के अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों का निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि आवासीय सर्वेक्षण की दिशा में समय सीमा में कार्यवाही की जावे। इसी प्रकार भू सर्वेक्षण तथा भू अभिलेख नियम 2020 के अंतर्गत कार्यवाहियों को समय सीमा में अंतिम रूप दिया जावे। नगरीय क्षेत्रों के अंतर्गत भूमिहीन व्यक्तियों को अधिकार देने की दिशा में अधिनियम 1984 के अंतर्गत कार्यवाही की जावे।
   कलेक्टर ने कहा कि आरसीएमएस वर्कफ्लो के अंतर्गत भी प्रकरण निराकरण किया जावे। इसी प्रकार धारणा अधिकार के अंतर्गत प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जावे। उन्होने कहा कि डायर्वसन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जावे। बैक भू प्रबंधन की प्रक्रिया पूर्णत ऑनलाइन होनी चाहिए। भू लेखा पोर्टल कलेक्टर लागइन का अध्ययन किया जाकर होम पेज पर विभिन्न प्रकार की कार्यवाहियों को डालने की व्यवस्था की जावे। भू अभिलेखो के डिजीटाईजेशन की दिशा में आवश्यक कदम उठाये जावे। साथ ही रेवेन्यू कैस मैनजमेंट सिस्टम को प्रभावी बनाया जावे। उन्होने कहा कि आरसीएमएस का अन्य पोर्टल के साथ लिकेंज करने की व्यवस्था दी गई है। जिसको प्रभावी बनाया जावे। सहारा एप के अंतर्गत सर्वे कार्य में गति लाई जावे।
   इसी प्रकार गिरदावरी का कार्य 98 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष बचे हुए कार्य को पूरा करने की पहल की जावे। कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रो में राजस्व कैम्पों का आयोजन कर ग्रामीणों की समस्या और कठिनाईयों का निराकरण करें। जिसके लिए तहसीलवार कैम्पो के आयोजन हेतु तिथियों का निर्धारण किया जा रहा है। इन तिथियों के अनुसार श्योपुर, बडौदा, कराहल, वीरपुर, विजयपुर के क्षेत्र में शिविर लगाये जावे। बैठक में अपर कलेक्टर श्री टीएन सिंह कहा कि आरसीएसएस में रिडर/पीठासीन अधिकारी के पास 2399 प्रकरण लंबित है। उनकों तहसीलदार और एसडीएम देखे। साथ ही प्रकरणवार केस का निराकरण करें। जिससे शून्य की स्थिति पर निराकरण की स्थिति लाई जावे।
   बैठक में एडीएम श्री टीएन सिंह ने कहा कि प्रजेटेंशन के माध्यम से राजस्व अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा कराई। साथ ही स्पेरो पोर्टल पर सीआर भरने की व्यवस्था से अवगत कराया। इसी प्रकार राजस्व अधिकारियों की परिक्रम सूची की जानकारी दी। उन्होने निर्वाचन नामावली के पुनरीक्षण कार्य के अंतर्गत 01.01.2022 की स्थिति में बीएलओ द्वारा नाम जोडने की कार्यवाही का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार कार्यवाही की जानी है। इसलिए राजस्व अधिकारी फार्म 6, 7, 8 के अनुसार अपने क्षेत्र के बीएलओ से नियत तिथि में कार्यवाही करावे। बैठक में एसडीएम श्योपुर श्री लोकेश सरल, विजयपुर श्री नीरज शर्मा, कराहल श्री विजेन्द्र सिंह यावद ने राजस्व अधिकारियों के माध्यम से किये गये कार्यो की जानकारी दी। साथ ही प्रकरणों के निराकरण की स्थिति से अवगत कराया।

पीएम किसान सम्मान निधि/सीएम किसान कल्याण योजना की समीक्षा
कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत किसानो के लिए डाली गई राशि की समीक्षा की। साथ ही तहसीलवार लाभान्वित किसानों की जानकारी प्राप्त की।
भू-अभिलेख रिकार्ड शुद्धीकरण पखवाडा

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि राज्य शासन के निर्देशानुसार 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2021 तक भू-अभिलेखों का रिकार्ड शुद्धीकरण करने की दिशा में पखवाडा आयोजित किया जा रहा है। इस पखवाडे के अंतर्गत भू अभिलेखों का रिकार्ड सभी तहसीलों में व्यवस्थित किया जाना है। जिससे रिकार्ड दुरूस्त होगा। साथ ही व्यवस्थाएं चुस्त और दुरूस्त बनाई जा सकें।

फोती नामातंरण के आवेदनों का समय पर निराकरण

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि जिले की 05 तहसीलो के अंतर्गत प्राप्त होने वाले फोती नामातरंण के आवेदनों का निराकरण समय पर किया जावे। जिससे फोत होने वाले व्यक्ति के वारिस का नामातंरण होने से संबंधित को पैतिक भूमि आदि का हक प्राप्त होगा। साथ ही आवेदकों को तहसील के चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी।

कुपोषण निदान की दिशा में आवश्यक कदम उठाये जावे
कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि जिले के कराहल और विजयपुर क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य इलाके में कुपोषण से जंग अभियान जारी रखा जावे। इस दिशा में प्रत्येक माह बीएमओ, सीडीपीओं और विजयपुर, कराहल क्षेत्र के तहसीलदार, एसडीएम की बैठक आयोजित की जावेगी। जिसमें हरमाह कुपोषण से जंग अभियान के अंतर्गत की गई कार्यवाहियों की समीक्षा की जावेगी।
राजस्व अभिलेखो में भूमि स्वामी किसानों के नामों का इन्द्राज

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि जिले के एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार राजस्व अभिलेखो में भूमि स्वामी किसानों के नामों के इन्द्राज की समीक्षा करें। साथ ही पटवारियो के माध्यम से खसरा, नक्शा का मिलान में एकरूपता होनी चाहिए। इस दिशा में कार्यवाही सुनिश्चित की जावे। इसी प्रकार सक्रिय मूल एवं बटांक खसरा सही करने की कार्यवाही होनी चाहिए।

स्वामित्व योजना के अंतर्गत कार्य की समीक्षा

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत 06 अक्टूबर 2021 को कार्यक्रम आयोजित किया जावेगा। उन्होेने कहा कि आबादी का सर्वे कार्य पूर्णता की ओर है। कराहल और विजयपुर क्षेत्र के दो-दो गांवो में ड्रोन कैमरा के माध्यम से सर्वे का कार्य 05 अक्टूबर तक पूरा होना चाहिए। एसडीएम कराहल श्री विजेन्द्र सिहं यादव ने बताया कि आबादी सर्वे एमपीएलआरसी की गाइडलाइन अनुसार कराया गया है। जिसके अंतर्गत आबादी का मूल स्वामित्व सौपा जाना है।

वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दावा प्रकरणों की समीक्षा

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वनवासियों के एकल एवं सामूहिक प्रकरणों की समीक्षा की गई। तब सहायक आयुक्त आजाक श्री एमपी पिपरैया ने बताया कि खण्ड स्तरीय समिति द्वारा प्रकरणों की एक बार पुन समीक्षा की जा रही है। इसके बाद स्वीकृति के लिए प्रकरण जिला स्तरीय समिति को भेजे जावेगें।

 तहसील स्तरीय खसरा में इन्द्राज अभिलेख को बेवजीआईएस पोर्टल में प्रदर्शित करावे

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि तहसील स्तरीय खसरा में किसानों के अभिलेख दर्ज है। जिनको वेबजीआईएस पोर्टल में प्रदर्शित कराया जावे। जिससे किसान वेवजीआईएस की नकल निकालने में सक्षम बन सकें। साथ ही प्राप्त नकल का उपयोग अपने आवश्यक कार्यो में लें सकें। एडीएम श्री टीएन सिंह कहा कि पुराने रिकार्ड के अनुसार तहसील स्तरीय कम्प्युटर के डाटा में एन्ट्री खसरा को वेबजीआईएस में व्यपरिवर्तित करने की भी कार्यवाही की जावे।  

शासकीय भूमि के अतिक्रमण को रोकने की कार्यवाही की जावे

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि प्रदेश में एंटी भू-माफिया अभियान संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिये है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण नही होना चाहिए। साथ ही शासन के हितों की रक्षा की जावे। इसलिए शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही होगा। कलेक्टर ने कहा कि श्योपुर जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में जहां-जहां शासकीय भूमि पडी हुई है। उस पर अतिक्रमण को रोकने के लिए पटवारियों के माध्यम से एसडीएम, तहसीलदार कार्यवाही करावे। अगर शासकीय भूमि पर होने वाला अतिक्रमण नही रोका जावेगा। तब संबंधित पटवारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावे।

भू-राजस्व की वसूली पटवारी के माध्यम से सुनिश्चित करावें

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि राजस्व अधिकारी भू-राजस्व की वसूली में तेजी लावे। इस दिशा में पटवारियों से वसूली के कार्य को अंजाम दिलाया जावे। साथ ही विभिन्न प्रकार की वसूली ऑनलाइन जमा कराई जावे।  

सहरिया जाति को मिले पट्टे की भूमि का कब्जा दिलावें

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल और विजयपुर के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में आदिवासियों को पट्टे प्रदान किये गये है। उनकी भूमि पर कब्जा अन्य लोगो ने कर लिया है। इसलिए एसडीएम तहसीलदार सहरिया जाति के व्यक्तियों को दिये गये पट्टे की भूमि का कब्जा दिलाने की कार्यवाही करें। यह कार्यवाही पटवारी के माध्यम से होनी चाहिए। अगर अन्य जाति के लोगों द्वारा भूमि का कब्जा नही छोडा जाता है। तब उन पर एफआईआर एसडीएम, तहसीलदार द्वारा करावे।

लंबित आश्वासन/ध्यानाकर्षण की जानकारी तीन दिवस में भेजें

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में आवश्वासन/ध्यानाकर्षण की जानकारी जिला स्तर पर भेजने के कार्य की समीक्षा की। इस दौरान एडीएम श्री टीएन सिंह ने कहा कि जिन-जिन राजस्व अधिकारियों द्वारा लंबित आवश्वासन/ध्यानाकर्षण की जानकारी अभी तक नही भेजी गई है। उसे तीन दिवस में कलेक्टर कार्यालय श्योपुर को भिजवाने की व्यवस्था करें।

लोक लेखा समिति की कण्डिकाओं का पालन प्रतिवेदन भिजवावे

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोक लेखा समिति की पालन प्रतिवेदन भिजवाना जिन अधिकारियो के पास लंबित है। उसका प्रतिवेदन शीघ्र कलेक्टर कार्यालय को भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

नामातंरण, बटवारा के प्रकरणों का निराकरण किया जावें

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिये कि जिलें की तहसील स्तर पर नामातंरण, बंटवारा के प्रकरण लंबित पडे हुए है। इन प्रकरणों का राजस्व अधिकारी शीघ्र निराकरण करें। जिससे प्रकरण से संबंधित व्यक्ति लाभ उठाकर अपने कार्यो को आगे बढाने में सक्षम बन सकें।

पीएम, सीएम, सीएस मानीटरिंग से प्राप्त आवेदनों का निराकरण

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि राजस्व अधिकारी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, पीजी टीएल, पीएमओं, सीएम हाउस, सीएस मानीटिरिंग, पीजी सेल से प्राप्त आवेदन का निराकरण शीघ्र किया जावे। जिससे निराकरण की स्थिति से वरिष्ठ कार्यालयो में अवगत कराया जा सकें।

सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का करें निराकरण

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि 300 दिवस की शिकायतें तहसील स्तर पर लंबित है। इसलिए राजस्व अधिकारी इन शिकायतों का निराकरण गंभीर होकर करें। जिससे श्योपुर तहसील के अंतर्गत 1089, बडौदा की 518, कराहल की 89, विजयपुर की 211, वीरपुर की 190 शिकायतें निराकृत होकर शून्य की स्थिति पर लाई जा सकें।

मा. न्यायालयो के लंबित केसों में जवाब समय पर दें

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि मा. वरिष्ठ न्यायालयों से प्राप्त लंबित केसों में जवाब समय पर भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। इन केसो में एसडीएम, तहसीलदार अपने विवेक का इस्तेमाल करें। जिससे लंबित केसों में जवाब समय पर देने से प्रकरण का निराकरण मा. न्यायालय द्वारा करने में आसानी होगी।

जन आकाक्षा पोर्टल में प्राप्त शिकायतों का निराकरण

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि जन आकाक्षा पोर्टल में जनप्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायतें दर्ज करने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसलिए राजस्व अधिकारी जन आकाक्षा पोर्टल में प्राप्त शिकायतों का निराकरण समय सीमा में करें।  

सर्किट हाउस एवं रेस्ट हाउस के लिए भूमि का चिन्हांकन

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि जिला मुख्यालय पर एक नया सर्किट हाउस तथा वीरपुर और कराहल में रेस्ट हाउस बनाने के लिए भूमि का चिन्हाकन राजस्व अधिकारी करें। साथ ही चिन्हाकित भूमि की जानकारी कलेक्टर कार्यालय को भेजी जावे। जिससे सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जावे।

नेशनल हाईवे के कार्यों की समीक्षा

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा कि नेशनल हाईवे फोरलेन टोक-श्योपुर, श्योपुर-गोरस, गोरस-श्यामपुर, श्यामपुर-सबलगढ, सबलगढ-मुरैना, मुरैना-इटावा की समीक्षा की। तब एजीएम एमपीआरडीसी श्री सुनील पुआरे ने बताया कि इस फोरलेन के क्षेत्र में 3-ए का कार्य प्रगति पर है। अपर कलेक्टर श्री टीएन सिंह ने बैठक में कहा कि इस फोरलेन का प्रकाशन एक हफ्ते में कराया जावे। साथ ही किये जाने वाले कार्यो का प्रचार-प्रसार भी होना चाहिए। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि नेशनल हाईवे फोरलेन के जो भी कार्य श्योपुर जिले के क्षेत्र में कराया जावे। उसकी जानकारी संबंधित क्षेेत्र के एसडीएम को समय-समय पर दी जावे। उन्होने कहा कि इस फोरलेन के क्षेत्र में जाने वाली शासकीय, अशासकीय भूमि के प्रकरण शीघ्र बनाये जावे।

प्रस्तावित अटल प्रोग्रेस-वे के कार्यो की समीक्षा

कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने राजस्व अधिकारियों की बैठक में अटल प्रोग्रेस-वे के प्रस्तावित कार्यो की समीक्षा की गई। साथ ही इस वे के क्षेत्र में जाने वाली शासकीय, अशासकीय भूमि अधिग्रहण कार्य की जानकारी एजीएम श्री सुनील पुआरे से प्राप्त की। तब उन्होने बताया कि शासकीय लैण्ड का कार्य 01 अक्टूबर से प्रारंभ किया जा रहा है। यह अटल प्रोग्रेस-वे राजस्थान के बूदी-इटावा- मप्र के बार्डर जलालपुरा, जलालपुरा से दांतरदा-वीरपुर-मुरैना-भिण्ड से यूपी के इटावा तक बनाई जावेगी।
इस वे के क्षेत्र के श्योपुर क्षेत्र के 54 ग्राम आयेगें। जिसके श्योपुर तहसील के 36 और वीरपुर के 18 गांव शामिल है। शासन से बजट प्राप्त हो चुका है। श्योपुर जिले के क्षेत्र में 12 सिंतबर से कार्य चल रहा है। कलेक्टर श्री शिवम वर्मा ने अटल प्रोगे्रस वे से संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि चल रहे कार्य की जानकारी के संबंध में क्षेत्रीय एसडीएम से कोर्डिनेट किया जावे। साथ ही प्रतिदिन की रिपोर्ट अपर कलेक्टर श्योपुर को प्रदान की जावे। राजस्व अधिकारियों की नाॅलेज में सभी कार्य अटल प्रोग्रेस-वे के होने चाहिए।
एजीएम श्री सुनील पुआरे ने बताया कि अटल प्रोग्रेस-वे के क्षेत्र के आने वाली निजी भूमि का अदला-बदली अशासकीय भूमि से संबंधित किसान को दोगुना लैण्ड देने के लिए भूमि का चयन किया जा चुका है। इस दिशा में 30 प्रतिशत कृषको की सहमति भी प्राप्त हो चुकी है। कलेक्टर ने कहा कि इस वे के क्षेत्र में शासकीय लैण्ड का कब्जा लेकर काम 01 अक्टूबर से शुरू होना चाहिए। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाला अटल प्रोग्रेस-वे है। इसलिए टाईमलाइन का विशेष ध्यान रखा जावे।

पुलिस अधीक्षक ने राजस्व अधिकारियों को किया संबोधित

 कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित राजस्व अधिकारियों के कार्यो की समीक्षा बैठक कलेक्टर कार्यालय श्योपुर के सभागार में आयोजित की गई। इस बैठक में  पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग सुजानिया शामिल हुए। उन्होने राजस्व अधिकारियो को संबोधित करते हुए कहा कि किसान आन्दोलन के दौरान पुलिस को राजस्व अधिकारियों का भरपूर सहयोग मिला था। राजस्व अधिकारी बांड ओवर के केसो में गति लावे। साथ ही समय सीमा में बांड ओवर के प्रकरणों का निराकरण करें।

   एसपी श्री सुजानिया ने कहा कि बडौदा और श्योपुर में अच्छा कार्य चल रहा है। विजयपुर क्षेत्र में एसडीएम इस दिशा में कार्यो को प्रभावी बनाने की पहल करें। एसपी ने कहा कि आने वाले समय में लडाई-झगडे से संबंधित दोनो पक्षो के केस सामने आयेगे। जिनमें बांड ओवर की कार्यवाही समय सीमा में होनी चाहिए। उन्होने कहा कि लाइन आडर में राजस्व अधिकारियों की महती भूमिका रहती है। इसलिए राजस्व अधिकारी 188 वाली कार्यवाही को भी समय पर अंजाम दें। उन्होने कहा कि वन विभाग के इशु अगर सामने आते है, उसकी सूचना राजस्व अधिकारी पुलिस को भी दे। जिससे सूचना के अनुसार स्थिति को हैंडिल करने में आसानी होगी।
   बैठक में अपर कलेक्टर श्री टीएन सिंह, एसडीएम श्योपुर श्री लोकेश सरल, कराहल श्री विजेन्द्र सिंह यादव, विजयपुर श्री नीरज शर्मा, तहसीलदार श्योपुर श्री संजय जैन, बडौदा श्रीमती अमिता सिंह तोमर, कराहल श्रीमती मनीषा कौल, वीरपुर श्री राजेन्द्र पवार, विजयपुर श्री आरएस वर्मा, कलेक्टर कार्यालय के ओएस श्री दीलीप बंसल, नायब तहसीलदार, आरआई और कलेक्टर कार्यालय की संबंधित शाखाओं के कर्मचारी उपस्थित थे। 

जिले में कोरोना संक्रमण रोकने की कार्यवाही जारी

 कलेक्टर शिवम वर्मा के निर्देशन में नोबल कोरोना वायरस कोविड-19 के अंतर्गत श्योपुर जिलें में संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किये जा रहे है। साथ ही समय-समय पर मिलने वाले संक्रमित मरीजो को कोरोना से निजात दिलाने की कार्यवाही जारी है। 

सीएमएचओ डॉ बीएल यादव ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दिशा में राज्य/अन्य राज्यों से आये 17313 यात्रियो की स्क्रीनिंग कार्य मेडीकल टीम द्वारा समय-समय पर कराने की सुविधा दी गई है। जिसमें विदेश भ्रमण से आये 64 व्यक्तियों को स्क्रीनिंग की सुविधा प्रदान की गई। इसी प्रकार विदेश से आये इतने ही व्यक्तियों को होम कोरेनटाईन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। साथ ही उनका होमकोरेनटाइन का पीरियड भी पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा विदेश से आये 02 यात्री जिले मे वापिस नही लौटे है।
इसी प्रकार जिले में होम कोरेनटाईन किये गये 17550 व्यक्तियों में से 17550 को घर भेजा जा चुका है। इसके अलावा 156699 व्यक्तियों के सेम्पल लिये जा चुके है। साथ ही 4000 कोरोना वायरस सेम्पल रिपोर्ट पॉजीटिव पाई गई थी। इसी प्रकार कोरोना वायरस सेम्पल में 148784 व्यक्तियों की जानकारी निगेटिव पाई गई है।
सीएमएचओ श्योपुर द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार 383 व्यक्तियों की सेम्पल रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा 3447 कोरोना वायरस सेम्पल पैथोलॉजी द्वारा रिजेक्ट कर दिये गये है। कोरोना संक्रमण से 78 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। साथ ही कोरोना संक्रमित 3922 व्यक्ति ठीक होने के बाद अपने घर पहुंच गये है। इसके अलावा कुल सर्वे न्यू माईक्रो कॉटेन्टमेंट एरिया 0 घोषित किये गये थे।

बुधवार, 22 सितंबर 2021

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार

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मुरैना में ज्योतिरादित्य सिंधिया का भव्य रोड शो , केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की अगवानी

Posted: 22 Sep 2021 05:28 AM PDT




देश और प्रदेश का विकास ही मुख्य मकसद - केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सिधिंया 

मुरैना 22 सितम्बर 2021/केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कहा है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में देश और प्रदेश का विकास करना ही हमारा मुख्य मकसद है। श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया के केन्द्र में मंत्री बनने के मुरैना में प्रथम आगमन पर रोड़ शो के दौरान जनता को संबोधित कर रहे थे। मंत्री श्री सिधिंया के साथ केन्द्रीय खाद्य एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रधुम्न सिंह तोमर, राजस्व परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री ओ.पी.एस. भदौरिया, भिण्ड-दतिया क्षेत्र की सांसद श्रीमती संध्या राय, जौरा विधायक श्री सूबेदार सिंह रजौधा, अम्बाह श्री कमलेश जाटव, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता, जिला पंचायत की अध्यक्षा श्रीमती गीता इंदर हर्षाना, पूर्व मंत्री श्री रूस्तम सिंह, श्री ऐदल सिंह कंषाना, श्री गिर्राज डंडोतिया, श्री मुंशीलाल, पूर्व विधायक श्री रघुराज सिंह कंषाना, पूर्व महापौर श्री अशोक अर्गल, ग्वालियर-चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना, चंबल रेन्ज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सचिन अतुलनकर, कलेक्टर श्री बी.कार्तिकेयन, पुलिस अधीक्षक श्री ललित शाक्यवार सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और नागरिक उपस्थित थे।          

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया जिले की सीमा अल्लावेली पुलिस चौकी पर पहुंचे, बैसे ही जनता उनके स्वागत के लिये उमड़ पड़ी। केन्द्रीय मंत्री श्री सिधिंया के रोड़ शो के दौरान बड़े-बड़े 700 तोरण द्वार, पोस्टर बेनर आदि लगाये गये थे। केन्द्रीय मंत्री द्वय श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया और श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के स्वागत के लिये जगह-जगह द्वार के साथ-साथ स्वागत मंच बनाये गये थे, जहां लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर फूल-मालाओं से आत्मीय स्वागत किया।  

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया ने कहा कि चंबल-ग्वालियर संभाग तो मेरा घर है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जो मुझे मंत्रालय में जिम्मेदारी दी है, उसे पूरा करूंगा। श्री सिधिंया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हमे देश और प्रदेश का विकास करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, भिण्ड-दतिया क्षेत्र की सांसद श्रीमती संध्या राय जी हम सब एक है और हमारा लक्ष्य प्रदेश का विकास है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्री श्री नितिन गड़करी इंदौर में आये थे, हम सबने प्रदेश के चहुमुखी विकास और प्रदेश के आधारभूत ढ़ाचों के विकास से लेकर कृषि क्षेत्र, विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी, सड़कों का विकास समेत सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठता हासिल करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद प्रदेश की अधोसंरचना को और अधिक मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर देश और प्रदेश के विकास की काया पलटेंगे।  

जिले में केन्द्रीय मंत्री श्री सिधिंया का रोड़ शो राजस्थान से लगी सीमा चंबल राजघाट से लेकर ग्वालियर से लगी सीमा रायरू तक भव्य स्वागत किया गया। 

केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित प्रदेश के कई मंत्रियों ने की केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सिधिंया की अगवानी  

मुरैना 22 सितम्बर 2021/ केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री श्री प्रधुम्न सिंह तोमर, परिवहन राजस्व मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, स्वास्थ्य मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री ओपीएस भदौरिया, भिण्ड-दतिया संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती संध्या राय, जौरा विधायक श्री सूबेदार सिंह रजौधा, अम्बाह विधायक श्री कमलेश जाटव, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. योगेशपाल गुप्ता सहित पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उपस्थित होकर मुरैना सीमा में प्रवेश करने पर चंबल राजघाट पर भव्य स्वागत कर अगवानी की।  

जैसे ही श्री सिधिंया चंबल राजघाट पुल पर पहुंचे, हजारों कार्यकर्ता और ग्रामीणजन स्वागत करने के लिये उमड़ पड़े। मौके पर चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आशीष सक्सेना, चंबल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सचिन अतुलकर, कलेक्टर श्री बी.कार्तिकेयन, पुलिस अधीक्षक श्री ललित शाक्यवार सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 

केन्द्रीय मंत्री श्री सिधिंया के साथ रोड़ शो में केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, भिण्ड दतिया संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती संध्या रायज सहित प्रदेश के मंत्रीगण उपस्थित थे। 

केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिधिंया के भव्य रोड़ शो में सुरक्षा की दृष्टि से भिण्ड और मुरैना से एक हजार से अधिक पुलिस जवान तैनात किये गये थे। 

बुधवार, 15 सितंबर 2021

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार

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पुलिस चुरा कर ले भागी कोर्ट से हाईकोर्ट द्वारा दर्ज कराई एफ आई आर की केस डायरी , धरे रही घर , और सी एम हेल्पलाइन पर देती रही फर्जी जवाब , अदालत का जाली आदेश बनाया , मुख्यमंत्री ने दिये कार्यवाही के आदेश

Posted: 14 Sep 2021 03:31 PM PDT

 

 मुरैना 15 सितंबर ( ग्वालियर टाइम्स ) लगातार 20 साल तक कोर्ट और कानून की ऑंखों में धूल झोंक कर भारी भरकम रिश्वत और भ्रष्टाचार की विष्ठा खा रहे और सरकारी धन के गबन और जालसाजी तथा कूटरचना सहित हरिजन एक्ट और डकैती के आरापियों को बचाने में एक के बाद एक पुलिसिये सिलसिलेवार लगे हुये थे और खुलेआम कानून और पुलिस महकमे को चैलेंज कर रहे थे कि पकड़ के दिखाओ , अंतत: कानूनी कार्यवाही की जद में बीस साल बाद आ ही गये । 

नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनंद'' एडवाकेट 

अपने ही कर्मों से आये पकड़ में खाकी की आड़ में छिपे रिश्वतखोर चोर 

20 साल पहले सिटी कोतवाली मुरैना में एक एफ आई आर दर्ज हुई थी , जिसका चारों ओर अखबार में बड़ा भारी प्रचार और शोर था । मामला एक ऐसे जिला शिक्षा अधिकारी से जुड़ा था जो सबसे खौफनाक और दहशत का दूसरा नाम माना जाना और समझा जाता था , जिसके नाम की तूती बोलती थी भोपाल से लेकर कमिश्नर चंबल और कलेक्टर मुरैना तक उसे गुड मार्निंग सर बोला करते थे , पूरी पुलिस और पुलिस अधिकारी जिसकी सेवा और चमचागिरी किया करते थे । 

उसकी दहशत और खौफ इतना था मुरैना जिला में उस वक्त कि पोरसा से श्योपुर तक जिस भी सड़क या राह पर वे निकल जाते उसी तरफ के स्कूलों में कर्फ्यू लग जाता था , 800 से ज्यादा स्कूलों के अनुदान उनने मात्र एक झटके में केवल एक प्रतिवेदन देकर बंद करा दिये । स्कूल की और स्कूल संचालकों  , स्कूल स्टाफ के परिवारों की हालत खस्ता कर दी , भुखमरी फैला दी , बेरोजगारी के साथ भुखमरी से जूझ रहे स्कूलों पर उनका एक और कहर टूूूटा जो कि सन 1996 में शुरू हुआ और वह था फर्जी छात्रवृत्ति कांड , 1996 - 97 में उनने दौड़ते हांफते कुल 42 एफ आई आर छात्रवृतति कांड की दर्ज करा दीं , जिनकी बाद में संख्या बढ़कर 46 हो गयी । 

शिक्षा विभाग मुरैना के बाबूओं से लेकर सरकारी शिक्षकों , बी ई ओ , आदिम जाति कल्याण विभाग के बाबूओं , अफसरों सहित प्राइवेट स्कूलों की संस्थाओं , अध्यक्षों , सचिवों की नामजद एफ आई आर दर्ज हुई ,प्रायवेट स्कूलों के स्टाफ  खिलाफ भी दर्जनों नामजद हुये , एक एफ आई आर में औसतन 6-7 लोग अभियुक्त बनाये गये । 

आखिर एक जगह एक एफ आई आर में संयोगवश किसी तहसीलदार ने एफ आई आर फर्जी छात्रवृत्ति की दर्ज कराई उसमें उनको भी नामजद मुलजिम बना दिया , वहीं से हंगामा उठ खड़ा हुआ , उन्होंने सीधे कलेक्टर मुरैना को पत्र लिखा , राजपत्रित अधिकारी संघ के नाम और लेटरपेड का भी सहारा लिया गया , खैर ये सोचने का विषय बना कि जिसने सैंकड़ों भले शरीफों को मुलजिम बना कर एफ आई आर दर्ज करा दीं , जब मात्र एक एफ आई आर में उसका नाम नामजद हुआ तो वह बुरी तरह से बौखला गये और अपना नाम झूठा जोड़े जाने तथा हटाये जाने हेतु न केवल कलेक्टर को पत्र लिखा बल्कि धुंआधार दवाब भी डाला , कलेक्टर ने उनके पत्र के ऊपर पत्र लिखा तथा पत्र में लिखा कि फर्जी छात्रवृत्ति के मामलों में झूठे नाम जोड़े  जाने की शिकायतें मिल रही हैं , किसी का भी झूठा नाम नहीं जोड़ा जाये , और अगर किसी का झूठा  नाम जोड़ा गया है , उसे हटाया जाये । 

संयोग से यह दोनों पत्र उनके भी और उनके भी हम तक किसी तरह से पहुंच गये । हमने इसे ही अपना प्वाइंट ऑफ एक्शन बनाया और लाइन ऑफ एक्शन में बुनियाद तैयार कर ली , खैर समय रहते इसे भी अन्य साक्ष्यों के साथ हाई कोर्ट में पेश किया गया । मगर इतना अवश्य हुआ कि जैसे ही एक एफ आई आर में उनका नाम आया , उसी दिन से मुरैना जिले में फर्जी छात्रवृत्ति कांड की  एफ आई आर दर्ज होना बंद हो गयीं । 

इन एफ आई आर में खैर होना जाना क्या था , पुलिस वालों को जब भी लाली लिपिस्टिक और चुनरी कुर्ता साड़ी ब्लाउज की जरूरत होती , किसी न किसी नामजद के यहॉं दविश डालने पहुंच जाते और दो चार हजार झटक कर उसे ठांस कर हडका भी आते कि आगे से सावधान रहना , साहब तेज और जल्दी कार्यवाही करने और तुम्हें अरेस्ट करने की कह रहे हैं । सो ध्यान रखना , पुलिस के लिये इन भले शरीफ मुलजिमों का चारों ओर समंदर भरा पड़ा था , सो सब थाने अपने अपने खर्चे के प्रति निश्चिंत थे । सब ठीक ठाक चल रहा था , लेकिन हर कहानी में पूर्ण विराम अवश्य ही एक दिन आता है । सो परेशान लोगों ने एक दिन हमारा दरवाजा खटखटा दिया , सबूतों के जखीरे लाकर पटक दिये हमारे सामने । औ हमने उस दहशत और खौफ का न केवल मुरैना जिला से अंत कर दिया बल्कि उन्हें पद से भी हटवा कर उनके मूल पद सहायक संचालक पर वापस पहुंचा दिया । बस इतनी सी कहानी है इस खास खबर की । 

इतने बड़े मुलजिम के अपराध भी काफी बड़े बड़े थे ,सो इतना सब आसान नहीं था , ऊपर से नीचे तक कोई भी अफसर , नेता , प्रशासन और पुलिस कोई भी न तो उसके खिलाफ सुनता था और न ही कोई कार्यवाही करता था । उस समय मोबाइल फोन और इंटरनेट वगैरह कुछ नहीं चलते थे सब काम मैनुअल ही होता था , बस इतना अच्छा था कि उस समय लॉकडाउन नहीं होता था  । 

थाने में उसके खिलाफ करीब 30-40 अपराधों के लिये एफ आई आर दर्ज करने का आवेदन दिया गया  , पुलिस अधीक्षक मुरैना को धारा 154(3) में भी आवेदन दिया गया , पावती ली गयी , वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों को सभी को आवेदन दिया गया , मगर किसी ने नहीं सुनी , न तो एफ आई आर दर्ज  की और न कोई कार्यवाही ही की , जिला न्यायालय मुरैना में भी परिवाद लगाया गया , उसे भी नहीं सुना गया । आखिकार ग्वालियर हाईकोर्ट में द प्र सं की धारा 482 के तहत याचिका लगी क्रमांक 1216/2001 , जैसे ही हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक मुरैना को , सी एस पी मुरैना और टी आई सिटी कोतवाली मुरैना को नोटिस जारी कर तलब किया , वैसे ही पुलिस तुरंत हरकत में आ गयी और मूवमेंट शुरू हो  गया , एस पी ने जांच की , अंतत: हाईकोर्ट ने उनके प्रतिवेदन और केस डायरी के आधार पर पुलिस अधीक्षक मुरैना के नाम आदेश जारी किया , कि एस पी सारे मामले को स्वयं खुद देंखें , एफ आई आर दर्ज करें , विवेचना करें और न्यायालय में रिपोर्ट ( प्रतिवेदन धारा 173 द प्र सं ) पेश करें । 

आखिर रातों रात सिटी कोतवाली मुरैना में पुलिस अधीक्षक के पत्र सहित एफ आई आर दर्ज की गयी , उस दिन तारीख थी 20 सितंबर 2002 , और दर्ज हुई एफ आई आर का नंबर था क्राइम नंबर 663/02 । इसकी कायमी की जानकारी मिलते ही उनके समर्थक और संरक्षक पुलिस वाले कोतवाली छोड़कर भाग निकले और उनने जाकर उनसे क्या मरसिये बांचें यह तो पता नहीं । एफ आई आर की पहली लाइन में ही पुलिस ने लिखा कि '' अपराध सिद्ध पाये जाने से यह एफ आई आर दर्ज की गयी '' 

इतने सबके बावजूद ऐन दो तीन महीने बाद भ्रष्ट और रिश्वत के अंधे टी आई ने उसमें खात्मा रिपोर्ट काट कर सी जे एम कोर्ट मुरैना में पेश कर दी , वहां सी जे एम ने टी आई को बुरी तरह से लताड़ लगाकर फटकारा और खात्मा रिपोर्ट वापस कर दी तथा अपराध की और विवेचना व अनुसंधान के आदेश दिये तथा हिदायत देते हुये कहा कि जब भी इसकी रिपोर्ट पेश करने आओ तो फरियादी और गवाहों को साथ लेकर आना उनके यहां न्यायालय में कथन / गवाही होगी उसके बाद ही आपकी किसी रिपोर्ट पर विचार किया जायेगा । 

बस तबसे यह केस पुलिस के पास आज तक लंबित पड़ा है । सरकारी धन के गबन , कूटरचना  जालसाजी , फर्जीवाड़े की धारायें तो इसमें पहले से दर्ज हैं 409, 420, 467, 468 , 471, 472 जैसी धारायें तो एफ आई आर 663/02 में कायमी दिनांक से ही अंकित हैं , मगर 80 मुलजिमों में से पुलिस आज दिनांक तक एक भी मुलजिम न तो पकड पाई और न गबन का पैसा सरकार को वापस दिला पाई और न गबन करने वालों को पकड़ पाई । उल्टे इस एफआई आर की केस डायरी कोर्ट से चुरा कर दुबकाती छिपाती और साक्ष्य सबूत नष्ट करने में लगी रही , हाईकोर्ट का आदेश , पुलिस अधीक्षक की मश्क्कत सबकों अपने जूतों तले रौंद कर रख दिया । 

अब मूल खबर पर आते हैं - ताजा वर्तमान मामला क्या है 

हुआ  कुछ यूं कि सन 2017 में इस केस एफ आई आर क्रमांक 663/02 का मामला न्याय विभाग ( विधि एवं कानून मंत्रालय ) भारत सरकार ने अपने स्थानीय न्यायबंधु ( प्रोबोनो लीगल सर्विसेज ) को सौंप दिया और इस पर पुलिस प्रशासन तथा न्यायालयों में , उच्च न्यायालय आदि में कार्यवाहीयां , ड्राफ्टिंग , पेश करना , लड़ना मुकदमा करना आदि सौंप कर अधिकृत कर दिया । न्यायबंधु ने सारे दस्तावेज और केस के इतिहास खंगाले , कड़ी से कड़ियां जोड़ीं , मामले की गंभीरता समझी और मामले में संज्ञान लेकर कार्यवाहीयां शुरू कीं । 

पता चला कि इस केस की कस डायरी में अंतिम अनुसंंधान और विवेचना सी आई डी ब्यूरो ग्वालियर द्वारा की गयी , 37 साक्षियों के कथन/ बयान ग्रहण किये गये , सरकारी धन के गबन की 5 मूल फाइलें जप्त की गयीं , द प्र संं की धारा 173 में चालान पेश करने की तैयारी सी आई डी आफिसर एम के शर्मा द्वारा की जा रही थी , उन्हें 15 लाख रूपये का ऑफर किया गया था केस बंद करने के लिये , उन्होंने इंकार कर दिया , उसी समय उनकी संदिग्ध परिस्थितयों  में मृत्यु हो गयी , न्यायबंधु ने अपने प्रतिवेदन में इसे हत्या किया जाना करार दिया । मृत्यु से पूर्व सी आई डी आफिसर एम के शर्मा ने केस की स्टेटस रिपोर्टें हस्तलिखित रूप में जिला एवं सत्र न्यायालय मुरैना में प्रस्तुत कीं , जिनकी प्रमाणित प्रतियां न्यायबंधु ने कोर्ट से हासिल कीं । 

न्याय बंधु ने सी एम हेल्पलाइन पर अनेक शिकायतें इस अपराध संख्या 663/02 के बारे में की तथा पुलिस को संभलने और त्रुटि सुधार के अवसर दिये , बार बार पुलिस द्वारा सी एम हेल्पलाइन को जाली व फर्जी कूटरचित उत्तर भेज कर शिकायतों को फोर्सली क्लोज कराया गया , केस अलाटमेंट की जानकारी गोपनीय रखते हुये , कानून विरूद्ध और अपराधीयों के संरक्षकों की पहचान का क्रम जारी रखा और खास सबूत की तलाश जारी रखी जिससे इन पुलिसकर्मियों का भांडाफोड मय सबूत किया जा सके । 

पुलिसकर्मियों ने अपने हर जवाब में एक खास प्रकरण का जिक्र किया जिसमें न्यायबंधु पहले से ही कोर्ट द्वारा म.प्र. शासन के साथ पिटीशनर ( फरियादी ) के रूप में न्यायालय द्वारा दर्ज हैं । न्यायबंधु ने इस खास प्रकरण के बार बार हवाले में आने और इस प्रकरण की दर्ज वर्ष 1999 के उपरांत दर्ज एफ आई आर सन 2002 को पुरानी एफ आई आर की आड़ में दबाने की कुत्सित चाल को पकड़ा । 

सन 1999 के मामले का अंतिम फैसला न्यायालय ने 22 जनवरी 2020 को सुना कर उस प्रकरण और उसकी एफ आई आर को समाप्त कर दिया । इसके उपरांत पुन: सी एम हेल्पलाइन पर शिकायतें की गयीं , लेकिन कोई प्रकरण कोर्ट में नहीं होने पर भी वही पूराना जवाब जस का तस बार बार सी एम हेल्पलाइन को दिया गया और कोर्ट द्वारा प्रकण समाप्त किये जाने और एफ आई आर समाप्त किये जाने के बाद भी , उस प्रकरण को कोर्ट में चालू , प्रचलित व संचालित बताते हुये लगातार 20 महीने बाद अब तक वही उत्तर दिया गया , न्प्यायबंधु नेपुलिस महानिदेशक , आई जी चंबल और पुलिस अधीक्षक मुरैना को माह जनवरी 2021 से 02 जुलाई 2021 तक अनेक  ई मेलें भेजकर अवगत करा दिया और संबंधित पुलिसकर्मियों के विरूद्ध एफ आई आर दर्ज किये जाने का अनुरोध किया । इस विषय में नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर पुलिसकर्मियों तथा अन्य लोगों को नामजद कर मामला दर्ज कया गया , एक पुलिस इंटीमेशन म प्र पुलिस के आफिशियल पोर्टल पर नामजद दिनांक 12 जनवरी 2021 को दर्ज की गयी । दिनांक 19 जुलाई 2021 को पुन: पुलिसकर्मयों ने सी एम हेल्पलाइन पर अपना जवाब दोहराया , कापी पेस्ट किया , न्यायबंधु ने इसी जवाब को आधार मान कर न्यायालयीन कार्यवाही शुरू कर दी , और पाया कि कोर्ट में 20 माह पूर्व समाप्त प्रकरण की , पुलिसवालों ने जाली आदेश का कृत्रिम कूटरचना कर एक नकली व फर्जी न्यायालय का आदेश तैयार किया है तथा कूटरचित व जाली न्यायालयीन कार्यवहीयां एवं आदेश पत्रिकायें तैयार की हैं । जिनका इस्तेमाल सी एम हेल्पलाइन पर जवाब देने में और वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों एवं प्रशासन व शासन को गुमराह एवं भ्रमित करने के लिये किया जा रहा है । 

न्यायालयीन कार्यवाही के प्रथम प्रक्रम पर 14 सितम्बर 2021 को न्यायबंधु ने एक विधिक आवेदन पुलिसवालों के विरूद्ध धारा 166 (क) , 217 सहित न्यायालय के आदेश एवं कार्यवाहियों की कूटरचना करने व जालसाजी छल कपट व धोखाधड़ी़ से मिथ्या साक्ष्य के रूप में उनका सी एम हेल्पलाइन तथा वरिष्ठ पुलिस , प्रशासन , शासन के अधिकारीयों को गुमराह व भ्रमित करनेे के लिये किया गया है । अत: इन धाराओं में भी इनके विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर निलंबित कर गिरफ्तार किया जाये । साथ ही सिटी कोतवाली मुरैना में दर्ज अपराध संख्या 663/02 में इनको सह अभियुक्त के रूप मे दर्ज कर नामजद किया जाये एवं इसमें न्यायालय में अविलंब चालान पेश किया जाये । 

न्यायबंधु ने अपना यह विधिक आवेदन पुलिस महानिदेशक , मुख्यसचिव , मुख्यमंत्री म; प्र; शिवराज सिंह चौहान , आई जी चंबल तथा ए पी मुरैना को भेजा था साथ ही न्यायालय की केस स्टेटस रिपोर्टें और केस संबंधी अन्य दस्तावेज और आर्डरशीटें भेजी थीं , जिस पर मुख्यमंत्री द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुये उसी दिन 14 सितम्बर 2021 को ही सारा मामला मुरैना कलेक्टर को कार्यवाही करने / एक्शन लेने हेतु भेजा है । न्यायबंधु इस के उपरांत प्रकरण को न्यायालय में दाखिल करेंगें , अगर पुलिस एफ आई आर होती है तो म प्र शासन की भी पैरवी स्वयं करेंगें और यदि पुलिस एफ आई आर नहीं करती तो न्याय विभाग भारत सरकार की ओर से न्यायबंधु के रूप में जिला अदालत और उच्च न्यायालय मे केस दर्ज करायेंगें । और भारत सरकार की ओर से इन सब पर केस चलाया जायेगा ।          

 

 

रविवार, 11 जुलाई 2021

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार

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जातिवाद की नाव में अफसर नेता और मीडिया हुये सवार , जब यू नहीं तो यूं सही डकरा डकरा ढरका रहे सरकार

Posted: 11 Jul 2021 06:22 AM PDT

 चम्बल का मुरैना जिला फिर बना जातिवादी संघर्ष का रणक्षेत्र , जातिविशेष पर जातिविशेष का मारण और बदनामी का अभियान अब मीडिया में भी रंग दिखाने लगा

त्वरित सम-सामायिकी समाचार

नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनन्द''

                                                                                         

मुरैना या चम्बल में जातिवाद यूं तो बहुत पुराना रोग है , हालांकि चम्बल के इतर या चम्बल से बाहर इसका इतना असर नहीं है , मगर चम्बल में यह जातिवाद कतिपय समयकाटू टुच्चे पुच्चे छिछोरे व लफंगे टाइप नेताओं और पत्रकारों द्वारा फैलाया जाता रहा है ।

अपने अपने क्षेत्र में कुंठित और बेनाम लोग या भयभीत व पूर्वाग्रहों से ग्रस्त चम्बल की माटी का कलंक अरसे से और बरसों से बने हुये हैं ।

दुर्भाग्य की बात यह है कि मीडिया के 95 प्रतिशत भाग पर एक जाति विशेष या समुदाय विशेष का कब्जा है और यह समुदाय विशेष अक्सर बीच बीच में अपना जातिगत अभियान राग छेड़ता रहता है ।

चाहे जगजीवन परिहार जैसे बागी का मामला हो, या अन्य मामले एक जातिगत अभियान छेड़ना इन सबका बरसों पुराना राग भैरवी है ।

जहां राग मल्हार गाना हो या राग ठुमरी लगाना हो वहां भी ये सब भैरवी ही अलापते हैं ।

हालिया कुछ घटनाओं का जिक्र करना प्रासंगिक होगा कि चाहे वह प्रशासन हो या पुलिस या मीडिया , जिस तरह से खुलेआम लोगों को मूर्ख बनाने के लिये लगातार एक मिशन के रूप में राग भैरवी अलापा गया उससे कोई अंधा या अज्ञानी भी बता देगा माजरा क्या है-

हालांकि हम किसी का विरोध या किसी का समर्थन नहीं करते , मगर वाकयों का जिक्र लाजिम है –

1.      एस डी एम राजीव समाधिया का स्थानांतरण – मुरैना की अंबाह तहसील में पदस्थ एस डी एम राजीव समाधिया का स्थानांतरण होते ही एक जाति विशेष के लोग खुलकर समाधिया के समर्थन में आये और एस डी एम का स्थानांतरण रद्द करने की मांग करने लगे , तमाश्श यह कि एक जाति विशेष के लोग , वैसे तो यह म.प्र. सिविल सेवा आचरण संहिता 1965 के प्रावधानों के एकदम खिलाफ और म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण एवं नियंत्रण अपील नियमों 1966  के तहत कार्यवाही और दंडित किये जाने वाला परिभाषित अपराध है , मगर मीडिया ने तकरीबन रोजाना इस जाति विशेष के अभियान को सुर्खी बना बना कर छापा , और भी मजे की बात यह कि राजीव समाधिया ने इसका एकदिन भी खंडन या प्रतिरोध नहीं किया अर्थात वे इस सबसे सहमत थे और उन्हीं की मर्जी से यह सब किया जा रहा था , ऊपर से तुर्रा ये कि , उनके ऊपर कानून के पालनपोषणहार  जिला प्रशासन जो म.प्र सिवल सेवा आचरण संहिता और म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण एवं नियंत्रण अपील नियम 1966 के तहत रोजाना मातहतों को नोटिस देकर गीदड़ भभकी दिया करते हैं उस जिला प्रशासन और संभागीय प्रशासन को इस बात की इत्तला ही हुई न कानोंकान खबर , शायद अखबार नहीं पढ़ते होंगें या फिर उन पर इन समाचारों की कटिंगें जनसंपर्क विभाग ने भेजी नहीं होंगी ।

2.      इसके बाद राजीव समाधिया के मामले में एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न यह उत्पन्न हो गया है कि उनके ट्रांसफर से एक जाति विशेष को विशेष तकलीफ क्यों पैदा हो गयी , जबकि प्रशासनिक अधिकारीयों के ट्रांसफर होना एक आम बात है और एक रूटीन प्रक्रिया है और इसमें किसी के विधवा विलाप की कोई परंपरा नहीं है , अंबाह क्षेत्र से हजारों शिकायतें ऊपर जातीं हैं मतलब साफ है , कुद तो गड़बड़ है , हर शिकायत के प्रति उस खंड का एस डी एम जिम्मेवार होता है बड़ी साधारण सी बात है भले ही आप किसी शिायत को बिना निराकरण फोर्सली क्लोज करायें , मगर शिकायत तो अपनी जगह कायम ही रहेगी । फिर यह तो जाहिर होता ही है कि जाति विशेष का विधवा विलाप बताता है कि वे एक जाति विशेष के लिये काम कर रहे थे , जनता या पब्लिक के लिये काम करते तो यह विलाप जनता करती , फिर क्यों न इसे जाति विशेष के लिये काम करने वाले अफसर के लिये जाति विशेष का अनाथ विलाप कहा जाये ।

3.      अंबाह में एक 5 साल की बच्ची की हत्या के मामले को एक जाति विशेष ने इस कदर उछाला और हंगामा किया कि मानों एक निर्भया कांड मुरैना में ही हो गया है , हत्यारे को फांसी दो , ये दो और वो दो , अखबारों ने भी इस पर रोजाना पन्ने रंगे , और बढ़चढ़ कर इसे नेशनल इश्यू बनाने की कोशिश की , और तो और 5 साल की बालिका के साथ दुष्कर्म भी बता दिया , आरोपी ने बयान दिया कि उसने दुष्कर्म नहीं किया , पुलिस ने कहा कि मेडिकल कराया है आरोपी का मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि आरोपी ने दुष्कर्म किया या नही , मगर सारी कहानी में बालिका के पोस्टमार्टम और उसमें दुष्कर्म की रिपोर्ट पाजिटिव या निगेटिव का किसी ने जिक्र नहीं किया जबकि बालिका के साथ दुषकर्म हुआ या नहीं इसके लिये बालिका की पी एम रिपोर्ट के बगैर कुछ नहीं होना जाना । मगर इसके बावजूद मीडिया ने और कतिपय जातिगत समूहों ने जबरन कैंडल मार्च और ये मार्च वो अप्रेल तमाम मई जून निकाल डाले , करिश्मे की बात ये हुई कि मुरैना जिला में ही उसी समय इसी प्रकार की अन्य थाना क्षेत्रों और तहसीलों में अन्य अनेक घटनायें बालिकाओं के साथ इसी प्रकार की घट गईं और उनमें तो बाकायदा दुष्कर्म किया भी गया , मगर न किसी ने मार्च , अप्रेल मई जून निकाले और न मीडिया ने उनका रोजाना जिक्र किया और न पन्ने रंगें ।  हालांकि आई पी सी में धारा 193% 199 तक का एक प्रावधान है कि न्याय के किसी भी प्रक्रम पर कुछ भी ऐसा किया जाये या कहा जाये कि जिस पर न्यायालय अपनी एक राय कायम कर ले , तो उसे मिथ्या साक्ष्य गढ़ना कहते हैं और इस प्रकार किसी को भी पुलिस केस दर्ज होने के बाद कुछ भी कहने पर वह मिथ्या साक्ष्य की श्रेणी में आता चला जाता है और उसे तदनुसार दंडित किया जाता है , मगर यह ुर्क भी साफ दिखाई दिया , इसमे भी जाति विशेष ही मुखर और चीखती रही । हम अंबाह के इस मामले में अपराध का कतई समर्थन नहीं करते लेकिन जातिविशेष द्वारा चलाई गई मुहिम को प्रश्नगत अवश्य करते हैं

4.      मुरैना सिटी कोतवाली टी आई आरती चराटे का मामला उल्लेखनीय अवश्य है कि आरती चराटे द्वारा कोतवाली टी आई का पदभार लेने के दूसरे तीसरे दिन से ही उनके खिलाफ खबरें और कुछ प्रायवेट गाड़ीयों के चित्र जाति विशेष के लोग छापने लगे थे कि प्रायवेट गाड़ी का इस्तेमाल करती है पुलिस , गश्त करती है पुलिस वगैरह वगैरह , बाद में आरती चराटे ने क्या गलती की यह तो पुलिस का आंतरिक मामला है मगर एक जाति विशेष का मीडिया और नेता आरती चराटे के पीछे पड़े थे इतना तो साफ जाहिर है । हमने लगातार इस मामले की आरती के ज्वाइंनिंग से लेकर हटाये जाने तक स्टडी की है इसलिये हम निष्कर्ष पूर्वक कह ही सकते हैं कि आरती जाति विशेष की टारगेट पहले दिन से ही थी ।

5.      पोरसा के कोंथर के फौजी धर्म सिंह तोमर का जमीनी मामला भी गजब है  ( हालांकि इस पर पूरी फिल्म धर्म सिंह तोमर की जुबानी , ग्वालियर टाइम्स अपनी अगली फिल्म में दिखाने जा रही है ) खास बात यह है कि एक ही जमीन – चार सीमांकन – हर सीमांकन में अलग अलग माप – गोया जमीन है कि चीन का नक्शा – कभी इधर बढ़ी तो कभी उधर बढ़ी तो कभी बेहड़ में निकल पड़ी , कभी दूसरे के खेत में 100 फीट तो कभी दूसरी जगह 200 फीट , जैसे केदारनाथ पर भीमसेन ने नंदी बने शंकर का भागते हुये कूबड़ पकड़ लिया तो केदारनाथ में कूबड़ ही ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है और सींग जाकर नेपाल में पशुपतिनाथ में निकले सो पशुपतिनाथ नेपाल में पूजे जाते हैं , अब धरम सिंह तोमर फौजी बेचारे परेशान हैं कि इसके सींग कभी इधर निकलते हैं कभी उधर , आखिर सिरा पकड़ें तो कहां पकड़ें ,बेचारे तहसीलदार , एस डी एम , पटवारी और कलेक्टर के सताये हुये हैं , फौज छोड़कर पान सिंह तोमर बनने की राह पर अग्रसर हैं , मीडिया में वे भी जातिविशेष का होने से , छेक दिये गये हैं , भले ही वे पीड़ित हैं मगर उन्हें क्या पता जातिविशेष का मीडिया एक तो जाति के कारण और दूसरा जाति विशेष के अफसरों ओर राजस्व विभाग से मिलने वाले हफ्ते के कारण उनके खिलाफ उनकी आवाज को कभी नहीं छापेगा , टी आई आरती चराटे मीडिया को हफ्ता देती रहती तो क्यों उनकी छीछालेदर और फजीहतें होतीं ।

6.      किस्सा नंबर विधायक सूबेदार सिंह रजौधा का है , जाति विशेष का होने से उन्हें भी मीडिया ने टारगेट पर ले लिया है , सूबेदार सिंह रजौधा किसी गांव में किसी जगह गांव वालों के बीच थे , किसी ने कह दिया कि बिजली वाले लाइन नहीं जोड़ रहे हैं , खेतों में पानी देना है , पैसे दे दिये हैं फिर भी अभी तक लाइन नहीं जोड़ी है , इस पर सूबेदार सिंह ने कह दिया कि तू तब तक अपनी लाइन जोड लें  और मोटर चलाकर अपना काम चला , बिजली वालों को मैं देख लूंगा और बात कर लूगा .... सूबेदार सिंह रजौधा विधायक भी इसी बात पर मीडिया के जातिविशेष के रडार पर आकर टारगेट पर आ गये हैं , हालांकि उनका यह वीडियो हमने भी देखा लेकिन हमें इसमें कुछ विशेष आपत्तिजनक नहीं लगा , एक फौरी समाधान कि अभी काम चला ले .....

 

खैर इसे न तो मीडिया या पत्रकारिता के लिये किसी भी प्रकार से सराहनीय नहीं कहा जा सकता और न ऐसे मीडिया को प्रौतसाहित ही किया जा सकता है जो साहब का पिछवाड़ा धोते धोते अचानक उनका तलवा चाट एक रिक्वेस्ट कर दे कि ऐसा करो और ऐसा न करो , ऐसे जिला प्रशासन और पुलिस को भी तवज्जुह या अहमियत दी जा सकती है जो चाटुकारों और मुंहलगे चमचों के अनुसार यह भूल कर गैर कानूनी काम करे या कानून का पालन न करे क्योंकि वह एक पत्रकार ने रिक्वेस्ट की है ।        

सायबर कानून की लागू होने वाली धारायें , जो आप पर असर डालतीं हैं जानना जरूरी है आपके लिये, पुलिस न लिखे एफ आई आर तो क्या करें

Posted: 11 Jul 2021 06:21 AM PDT

 सायबर कानून की लागू होने वाली धारायें , जो आप पर असर डालतीं हैं जानना जरूरी है आपके लिये, पुलिस न लिखे एफ आई आर तो क्या करें

हमारे कानून- भाग -1

नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद'' 

धारा 66 A रद्द की जाकर उसका क्रियान्वयन और अनुपालन रोक दिया गया है इसलिये उसका जिक्र यहां नहीं किया जायेगा

पुलिस अगर रिपोर्ट दर्ज न करे तब क्या करें – सुप्रीम कोर्ट द्वारा ललिता कुमारी बनाम बिहार राज्य मे दिये गये आदेश के और दिशा निर्देशों के उपरांत भारतीय दंड संहिता यानि इंडियन पैनल कोड में धारा 166 (क) का इजाफा किया है और रिपोर्ट दर्ज करने से इंकार करने , टालने और रिपोर्ट किसी भी भांति से सूचना मिलने पर भी दर्ज न करने पर उस पुलिस अधिकारी के विरूद्ध आई पी सी की धारा 166 (क) का अपराध पंजीबद्ध किया जाता है , तथा अन्य धारायें जैसे अभियुक्त को सरक्षण देना व बचाना या अपराध में सहभागी होना जैसे अपराध भी साथ में पंजीबद्ध किये जाते हैं , इसके लिये जिला सत्र न्यायालय में आवेदन देकर अपनी पीड़ा दर्ज करायें और जिला न्यायालय उस पुलिस अधिकारी के विरूद्ध धारा 166(क) का अपराध पंजीबद्ध करेगा , इस धारा में प्रकरण दर्ज होने के उपरांत शासकीय कर्मचारीयों और लोकसेवकों के विरूद्ध सी आर पी सी की धारा 195 व 197 के तहत लोकसेवक को संरक्षण प्राप्त नहीं होता है और उसे गिरफ्तार करने का प्रावधान है  

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में निम्नलिखित संशोधन किये गये और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनयम 2008 कहा जाता है – निम्न प्रावधान जोड़े गये हैं , यह प्रावधान सन 2009 से पूरे देश में लागू हैं -   

66 बी - चोरी का कंप्यूटर और चोरी की डिवाइस प्राप्त करना या / और इस्तेमाल करना - 3 साल का कारावास और 5 लाख का जुर्माना

66- सी - किसी के डिजिटल सिगनेचर का कपट पूर्वक ओश्र बेईमानी पूर्वक बनाना या प्राप्त करना , किसी का पासवर्ड कपटपूर्वक बनाना या प्राप्त करना - 3 साल का कारावास और 5 लाख का जुर्माना

66 डी -किसी के द्वारा किसी डिवाइस से , किसी कंप्यूटर से , मोबाइल सेल फोन से ,किसी अन्य के साथ धोखाधड़ी करना , ठगी करना , या अन्य प्रकार से नुकसान पहुंचाना - 3 साल की कैद और एक लाख रूपये जुर्माना

66 ई -किसी व्यक्ति के प्रायवेट फोटो खीचना , वीडीयों बनाना या/ और उनका प्रसारण या वितरण करना , किसी व्यक्ति की सहमति लिये बगैर , उसकी स्वेच्छा के बगैर जो कोई भी ऐसा करेगा उसे 3 साल का कारावास और 2 लाख रू का जुर्माना

66 ई में - केप्चर का अर्थ , किसी के फोटो , वीडियो , विजुअल्स आदि शामिल हैं , जिसमें आडियो तथा , फिल्म तथा अन्य किसी भी भांति से रिकार्डिंग करना शामिल है

प्रसारण या वितरण का अर्थ किसी भी भांति से दूसरे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों तक पहुचानाया देना या आदान प्रदान करना है

प्रायवेट एरिया का अर्थ - नग्न , अंडर गार्मेंट में , लंगोट या चड्डी में , बनियान या ब्रेसियरी में , किसी के कूल्हे या बटक , स्त्री के स्तन या छाती दिखाना या उसका फोटो , वीडियो या अन्य प्रकार से किसी भी प्रकार से आडियो या विजुअल रिकार्ड करना

प्रायवेसी वायोलेशन या निजता भंग का अर्थ - कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी हो चाहे प्रायवेट प्लेस में जहां वह निंश्चिंत होकर अपने कपड़े बदलता या स्नानादि या शौचादि करता है या वह किसी भी पब्लिक प्लेस पर है , उसके किसी भी प्रायवेट पार्ट या उसके अपमान करने वाले , या उसकी छवि खराब करने वाले और किसी प्रायवेट कार्य का चित्रण या रिकार्डिंग आदि करना या अगर स्त्री है तो उसकी लज्जा भंग करना या उसे कामुक रूप में प्रदर्शित करना आदि

66 एफ -किसी अधिकृत व्यक्ति को उसके कंप्यूटर या डिवाइस या मोबाइल की एक्सेस से रोकना या बाधा डालना या बाधित कर वंचित करना तथा अनाधिकृत होकर भी किसी कंप्यूटर या डिवाइस या मोबाइल में जबरन एक्सेस करना , एक्सेस की कोशिश करना , पेनेट्रेट करना , किसी व्यक्ति को या उसके सिस्टम को क्षति पहुंचाना , कंप्यूटर या डिवाइस या मोबाइल या सिस्टम को नुकसान या क्षति पहुंचाना , किसी को आत्महत्या करे के लिये बाध्य करना , प्रेरित करना , या किसी की इन कारणों से मृत्यु होना , उसके जीवन के लिये आवश्यक वस्तुओं , आवश्यक चीजों की सप्लाई रोकना या सप्लाई बाधित करना या गतिरोध डालना या अन्य प्रकार से भयभीत या आतंकित करना , उसके डाटा को चुराना किसी भी प्रकार से उसके डाटाबेस को नुकसान या क्षति पहुंचाना यह सभी कार्य सायबर टेरेरिज्म , सायबर आतंकवाद होंगें - आजीवन कारवास ( जीवन रहने तक मृत्यु तक )

67 - ए - नंगी फिल्में ,ब्ल्यू फिल्म या कामोत्तेजक दृश्य या फिल्म या अन्य प्रकार से सेक्सुली इन्वोल्व्ड या सेक्स दृश्य या अर्धनग्न दृश्य को प्रकाशित या प्रसारित करेगा या ट्रांसमिट करेगा वह कम से कम पहली बार दोषी पाये जाने पर 5 साल के कारावास और दस लाख रूपये के जुर्माने से दंडित होगा और यदि वह दूसरी बारऐसा करता हुआ दोषी पाया गया तो 7 साल के कारावास और दोबारा दस लाख रूपये के जुर्माने से दंडित होगा ।

67 - बी - बच्चों के सेक्सुअल उत्प्रेरण आमंत्रण व शोषण से संबंधित है ( बच्चों का नग्न व अश्लील प्रदर्शन, फोटो , वीडियो , आडियो आदि का अश्लील प्रसारण व प्रकाशन, उनकी पहचान खोलना , बच्चों को सेक्स के लिये उकसाना , बहलाना , फुसलाना , आमंत्रित करना , उन्हें लोभ लालच या भय दिखाकर उनकी पोर्नोग्राफी करना , इंटरनेट या अन्य किसी माध्यम से उनका प्रकाशन या प्रसारण करना , अन्य किसी भी चित्र या आडियो विजुअल माध्यम से बच्चों में ऐसी प्रवृत्ति या आदत डालने का प्रयास करना , या उन्हें किसी भी भांति से सेक्स या सेक्स एक्टिविटी दिखाना , देखने हेतु बाध्य करना , या प्रोत्साहित करना आदि जैसे अपराध इसमें शामिल हैं ( इसका विशद विस्तार हम यहां नहीं दे रहे हैं , लेकिन अगर आपके आसपास यह कहीं भी हो रहा है तो या तो नेशनल सायबर क्राइम रिपोर्टंग ब्यूरो , गृहमंत्रालय भारत सरकार को ऑनलाइन रिपोर्ट करें या उनके ट्विटर पर आफिशियल हैंडल '' सायबर दोस्त'' को रिपोर्ट करें या अपने राज्य की पुलिस के सायबर सेल को आनलाइन रिपोर्ट करें , यह रिपोर्ट आप अपनी पहचान छिपा कर भी कर सकते हैं और एनोनीयमस यानि अज्ञात व्यक्ति के रूप में भी रिपोर्ट कर सकते हैं ।   

 

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000

धारायें  -

4 - लीगल मान्यता या वैधानिक मान्यता किसी इलेक्ट्रानिक अभिलेख की

1. वह अभिलेख आनलाइन उपलब्ध होता है / हुआ है या हो रहा है

2.वह दस्तावेज या अभिलेख फ्रिक्वेण्टली एक्सेस होता है / किया गया है

66 - हैकिंग - 3 साल कारावास और 2 लाख रूपये जुर्माना

71 -डिजिटल सिगनेचर का इस्तेमाल किसी गलत या गैर कानूनी या गुमराह करने के लिये या किसी असत्य व मिथ्या तथ्य वाले दस्तावेज पर किया गया तो तीन साल कारावास और दो लाख रूपये का जुर्माना होगा

74 - धोखाधड़ी / जालसाजी के लिये डिजिटल सिगनेचर का इस्तेमाल करना - 2 साल की कैद और एक लाख रू का जुर्माना      

बुधवार, 19 मई 2021

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार

Gwalior Times Live Sheopur Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव विस्तृत दतिया समाचार


हर मौत दूसरों के घरों में करने वाले जब तेरा खुुद का जब वक्त आयेगा , तब इंसाफ ओर नाप का फीता औरों का और गुनाह, कद तेरा होगा

Posted: 18 May 2021 06:54 PM PDT

 पत्ते पत्ते पर लिखा है उस प्रभु का नाम , हर बॉडी और हर डेड बॉडी पर लिखा है कोरोना के खाने का नाम , तेरे हर अंग पर भी लिखा है मरों को लूटने वाले तेरे हर काम का अंजाम, बस इंतजार कर मुनासिब वक्त आने का , तेरे हर काम का हिसाब रखा जायेगा , जरा वक्त तो आने दे , मासूमों के लहू के हर कतरे का बड़ा बेहिसाब तेरा हिसाब किया जायेगा  

-        नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

पिछले अंक से आगे ………

दूसरा - भाग

यद्यपि हमने सोचा था कि इस समसामायिकी आलेख को दो किश्तों में समाप्त कर देंगें लेकिन विषय बृहद और विषय सामग्री विस्तार से यह संभव नहीं लगता लिहाजा जहां तक विषय चले वहॉं तक इसकी विषय सामग्री चलेगी , इसलिये यह अब दो से अधिक भागों में आयेगा और केवल आखरी भाग पर ही अंतिम किश्त लिखेंगें – नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद'' एडवाकेट

अभी पिछले अंक में कोरोना पॉजिटिव या संक्रमण के जांच के तरीकों पर इस आलेख में चर्चा कर रहे थे ।

उपकरणीय अन्य जांचें और प्रयोगशाला जांचें – हमें इस विषय को आगे ले जाने से पहले एक तथ्य विशेष रूप से स्मरण रखना होगा कि कोई भी बेहतरीन मेडिकल उपकरण या बेहतरीन प्रयोगशाला तीन विशेष लोगों से ही बन सकती है – एक बेहतरीन चिकित्सकीय ज्ञान रखे वाला डॉक्टर , दूसरा एक बेहतरीन इंजीनियर और तीसरा एक बेहतरीन साइंस यानि विज्ञान का विद्वान ।

विज्ञान के विद्वान में भी दो स्ट्रीमों का सम्मिश्रण या दो अलग अलग लोग जिसमें एक गणित स्ट्रीम  का और दूसरा बायोलॉजी यानि जीव विज्ञान स्ट्रीम का स्पेशलिस्ट होना चाहिये तब जाकर एक बेहतरीन मेडिकल उपकरण या लैब तेयार हो पाती है । उसे बाद में पैरामेडिकल विशेषज्ञ या विज्ञान स्ट्रीम के लोग ऑपरेट या संचालित करते हैं , लेकिन निर्माण की बुनियाद से लेकर प्रोटोटाइप बनाने और उसे विकसित कर असल मशीन या उपकरण बनाने या लैब तैयार करने में तो उपरोक्त तीन ही काम कर पायेंगें , वर्तमान में इन तीनों का एकसाथ बखूबी संयोजन व उपयोग भारत में किसी भी मेडिकल मशीन बनाने में या उपकरण या लैब तैयार करने में नहीं किया जाता है और केवल दो लोग ही इनमें से चुने जाते हैं जिससे मशीनें व उपकरण उस दक्षता व क्षमता के तथा एक्यूरेसी के भारत में नहीं बनते और न मेडिकल लैब ही उस दक्षता व क्षमता की होती है जो कि भारत बना सकता है मगर अयोग्य व अनुभवहीन जनप्रतिनिधियों और राजनेताओं की सत्ता लोलुपता और भ्रष्टाचार प्रियता के कारण ऐसा भारत में नहीं होता या हो पाता । इसकी बहुत सी वजह और कारण हैं मगर वे इस आलेख का विषय नहीं हैं ।

अगला परीक्षण या जांच स्वैब का परीक्षण , रक्त परीक्षण , मल मूत्र परीक्षण , प्यूबिक हेयर परीक्षण , अंदरूनी चोट आदि परीक्षण , बाहरी चोट आदि परीक्षण , आमाशय या आहार संबंधी परीक्षण , अन्य हड्डी संबंधी, सीमन टेस्ट तथा अन्येन्य प्रकारेण परीक्षण आदि । ये सभी परीक्षण इस आलेख का विषय नहीं हैं इनका हम केवल इस संदर्भ में प्रयोग करेंगें कि क्या परीक्षण वर्तमान में किये जा रहे हैं और क्या क्या जरूरी परीक्षण छोड़े जा रहे हैं ।

वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव टेस्ट करने के लिये स्केनिंग के बाद स्वैब टेस्टिंग करने का रिवाज अपनाया जा रहा है जिसमें उल्टी , कफ , थूक और लार आदि के जरिये होने वाला स्त्राव या प्राप्त कर इनकी जॉंच करने को स्वैब टेस्टिंग कहा जा रहा है । और इसका परिणाम में कोरोना वायरस की मौजूदगी का अनुमान लगया जाता है या पुष्टि कर दी जाती है ।

इससे आगे कुछ  नहीं ,जो यह पुष्ट करे कि क्या वाकई किसी को कोरोना है या नहीं ।

किसी  कोरोना रोगी के रक्त की पहले क्या स्थिति थी , अब क्या है और उसके डिस्चार्ज के समय या श्मशान भेजते समय क्या स्थिति थी ,इस जांच की कोई व्यवस्था अभी तक भारत में नहीं है । इसलिये मौत की वजह या ठीक हो जाने के बाद इलाज पश्चात उसके प्रतिक्रियात्मक लक्षणों और पश्चातवर्ती रक्त लक्षणों के बारे में कोई भी जांच रिपोर्ट उसकी मेडिकल हिस्ट्री में नहीं होती लिहाजा न तो इसके बगैर किसी भी शख्स  में न तो कोरोना की पुष्टि की जा सकती है और न इससे इंकार कर नकारा जा सकता है ।

स्वैब टेस्टिंग मात्र खांसी बलगम आदि की जांच करने मात्र का एक सरल सा उपाय और जांच है , जिसके भी स्वैब में खांसी , फ्लू ( बुखार ) , कफ और छींक के साथ निकलने वाले छोटे मोटे जीव जंतु होंगे उस हर आदमी को यह टेस्ट खांसी जुकाम कफ से पीड़ित ही बतायेगा और बलगम भी मौजूद है तो गंभीर पॉजिटिव ही बतायेगा । इससे अधिक यह टेस्ट कुछ और नहीं बताता , कोरोना वायरस का डिटेल या सैंपल अभी तक न तो भारत के पास है और न विश्व के किसी अन्य देश के पास जिससे मिलान करके किसी को कोरोना होना साबित किया जा सके ।

जबकि इससे पूर्व पक्षियों के बर्ड फ्ल्यू , एड्स के वायरस ( एच आई वी ) तथा अन्य वायरस जन्य बीमारीयों के नमूने भारत सहित विश्व के अन्य देशों के पास हैं और उनसे मिलान के पश्चात ही किसी में इनकी पुष्टि कर दी जाती है ।  मगर कोरोना के बारे में जो रहस्य है वह यह है कि होती सबको केवल खांसी बुखार दर्द सर्दी और जुकाम ही है मगर कहा यह जाता है कि हर 15 – 20 दिन में यह वायरस अपना रूप बदलता है मतलब बीमारी के लक्षण बदल देता है या बीमारी ही बदल देता है । आश्चर्य यह है कि रोगी की न तो कभी बीमारी बदलती है और न कभी उसका जांच का तरीका या सिस्टम बदलता है , ऐसा ठोस पुख्ता और अद्वितीय जांच सिस्टम है कि रूप बदल रहे कोरोना वायरस के हर रूप को एक ही तरीके से पकड़ता रहता है , जबकि तार्किक तरीका यह है कि जब जब वायरस रूप बदले तो उसके हर बहुरूपिये रूप की एक तस्वीर खीच कर विश्व के सभी देशों के हर अस्पताल को भेजनी चाहिये और उसके उस रूप को पकड़ने और पहचानने का तरीका और बदले जाने वाले टेस्टिंग मैथड को भी साथ भेजा जाना चाहिये जिससे टेस्ट का तरीका और मिलान करके अच्छी जांच रिपोर्ट के साथ मरीज के नाम के आगे लिखा जाये कि उसे कोरोना के कौनसे रूप के किस वर्जन ने कब किस दिन जकड़ा , कब से वह उसके अंदर घुसा और कितना भीतर तक घुस चुका है और क्या इसके बावजूद उस कोरोना वायरस का अन्य कोई रूप या वर्जन भी उसके अंदर आ सकता और घुस सकता है या नहीं । और यह रूप टाइप क्या गड़बड़ीयां और खलबलियां उस मरीज के शरीर में मचायेगा और उसे क्या क्या ऐहतियातें और परहेज बरतने होंगें , वह बिना खाये पीये जिंदा रहे या खा पीकर मरे , ये सब जिक्र तभी संभव होंगें जब हर बदलते रूप का हर डिटेल हर अस्पताल , हर डाक्टर , हर नर्स और हर मरीज और उसके घरवालों को पता हो ।

................ शेष अगले अंक में जारी ..............             

– नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनंद'' एडवोकेट

( कोराना में वीरगति पाकर शहीद हुये  लोगों के लिये,  उन शहीदों की ओर से भारत के सिस्टम के नाम )

हम राह की कुचली हुई धूल ही सही मगर कीचड़ बनाओगे तो हममें ही फंस जाओगे , जर्रा ही सही और हम लटके हुये झाड़ फानूस ही सही ,हमारी जांच बीमारी इलाज और मौत डैड बॉडी दौलत में तौलने वालो  तुम अमर आफताब ही बने रहो , जो जमीं पे आओगे तो हमारे आसपास ही कुचले जाओगे । हमारी दौलतें बिंकी , घर जेवर मकान दूकान तलक बिके , बीवी मिटी तो कहीं बच्चे भी मिटे , मिट गईं खुशियां, शानो शौकत और रिश्तेदारीयां , तुमने मजबूरियों का जाल कुछ इस कदर बुन दिया कि न मौक्ष न बेटे का कंधा न नाती का श्मशान तक साथ नसीब हुआ , न चिता पर भी मेरी कैद खोली पॉलीथीन के कफन से , जिंदा तो जिंदा मुझ मुर्दे को भी लूट लिया , मेरी अंगूठी गायब , मेरी झुमकियां गायब , पायलें भी गायब तो मरी तो कही आबरू भी गायब हुई अस्पतालों में । जीते जी न मिलने दिया तुमने अपनों से और अकेले मार कर तुमने कुछ ऐसा हाल कर दिया मेरा कि देखूं कैसे कि ऑखें भी गायब कर दी तुमने , बोलू कैसे दांत भी गायब तो अब जबड़ा भी गायब हो गया मेरा , अब कुछ खा पी कर पेशाब कर आता पूरी जिंदगी की तरह , मगर क्या करूं ऐ लूट और जुल्म के सितमगारो लीवर भी मेरा गायब , किडनी भी मेरी गायब है , वह जो लेटी है मेरे पड़ोस की अर्थी पर उसका मंगलसूत्र गायब क्या किया कि उसका सुहाग भी गायब हो गया , अब जितने भी हैं यहां सब पॉलीथीनों में पैक पड़े हैं , उनके दिमागो दिल में अपने घर के बसे हैं , इंतजार में बस उनके हाथ जल पाने की , जल की दो बूंदों को अटके पड़े हैं , काश  कोई तो आयेगा जो आजाद इन पॉलीथिनों से करेगा , मंदिरों की घंटियां कुछ मंत्र भी सुनायेगा , मस्जिदों की अजान सुनने को यहॉं सैकड़ों इंतजार कर रहे , और हम सब उसकी राह देख रहे , कोई होगा जो आयेगा , अपने पिता को बहन को कैद में डालने वाले कंस से कोई कृष्ण आकर हमें छुड़ायेगा , बस टकटकी है जिनकी आंखें बच गईं बाकी को वही हाल ए नजर सुनाते हैं , बिना आंख वालों को नजर वाले और बिना किडनी लीवर वालों को यहॉं कुछ मरे डॉक्टर रोजाना कुछ ऑक्सीजन और सांसें चुरा कर देते हैं , और फिर हम सब मिलकर राह तकते हैं , मेरे भारत मेरे कृष्ण हम तेरी राह तकते हैं ।

                                        - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''